डीजे पर रोक, सादगी और मोहब्बत का पैगाम दिया मुसलमानों ने बक्सर खबर। शुक्रवार को शहर में ईद मिलादुन्नबी के मौके पर निकली शोभायात्रा पूरी तरह अमन, मोहब्बत और सादगी का संदेश देती नजर आई। इस बार खास बात रही कि अधिकांश जुलूस कमेटियों ने मुफ्ती मोहम्मद असगर राजा मिस्बाही की अपील पर अमल करते हुए डीजे का इस्तेमाल नहीं किया। बीते मंगलवार को मदिना मस्जिद में जुलूस कमेटी के साथ हुई बैठक में मुफ्ती मोहम्मद असगर राजा मिस्बाही ने साफ कहा था कि डीजे एक सामाजिक बुराई है। तेज आवाज से बुजुर्गों, बच्चों और आम लोगों की सेहत पर असर पड़ता है। साथ ही कानून भी सार्वजनिक जगहों पर डीजे बजाने की इजाजत नहीं देता। उन्होंने सभी कमेटियों से अपील की थी कि ईद मिलादुन्नबी पर निकलने वाले जुलूस में डीजे का इस्तेमाल न करें।
शुक्रवार सुबह सारिमपुर, अहिरौली, सोहनी पट्टी, खलासी मोहल्ला, दर्जी मोहल्ला, कोईरपुरवा, स्टेशन रोड, गजाधर गंज, नई बाजार, जहाज घाट, नालबंद टोली, ठठेरी बाजार, समेत कई मोहल्लों से जुलूस निकले। सभी जुलूस खलासी मोहल्ला जुल्फजल रोड में एकत्र हुए। वहां से सुबह 8 बजे शोभायात्रा यमुना चौक, मेन रोड, अस्पताल रोड, थाना रोड, गोला बाजार, मुनीम चौक, पीपी रोड, वीर कुंवर सिंह चौक से होते हुए किला मैदान के सामने दरिया शहीद बाबा के मजार प्रांगण में शोभायात्रा का समापन हुआ।

जुलूस स्थल पर पहुंचे मुफ्ती मोहम्मद असगर राजा मिस्बाही ने कहा, “बक्सर के मुसलमानों ने मेरी अपील पर ध्यान दिया और डीजे पर रोक लगाई। यह सामाजिक बुराई धीरे-धीरे ही खत्म होगी, लेकिन शुरुआत हो चुकी है।” उन्होंने उन कमेटियों का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने बिना डीजे के शोभायात्रा निकाली और उम्मीद जताई कि आने वाले वर्षों में बाकी कमेटियां भी इसका पालन करेंगी।

मुफ्ती ने कहा कि शोभायात्रा ऐसी होनी चाहिए जिसे देखकर मिसाल कायम हो। जश्न में सलीका, सादगी और मोहब्बत झलकनी चाहिए। पैगंबर मोहम्मद साहब का पैगाम अमन, इंसानियत और भाईचारे का है, जिसे हमें अपने जुलूसों में उतारना होगा। शोभायात्रा में शामिल बच्चे, युवा और बुजुर्ग साफ-सुथरे और नए कपड़ों में नजर आए। सिर पर पगड़ी और टोपी लगाए, हाथों में धार्मिक व राष्ट्रीय ध्वज लिए लोग मोहम्मद साहब के जन्मदिन पर उमंग के साथ निकले। जगह-जगह श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए शरबत, फल, मिठाई और पानी का इंतजाम किया गया था।