सफाई कर्मियों ने अपनी आठ सूत्री मांगों को लेकर कार्यपालक पदाधिकारी को सौंपा ज्ञापन बक्सर खबर। नगर परिषद बक्सर के सफाई कर्मियों का सब्र अब जवाब दे रहा है। शुक्रवार को बड़ी संख्या में पुरुष और महिला सफाई कर्मी एकजुट होकर अपनी आठ सूत्री मांगों को लेकर कार्यपालक पदाधिकारी से मिले और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। सफाई कर्मियों का आरोप है कि नगर प्रशासन उनके साथ दोहरा मापदंड अपना रहा है-एक समान काम के लिए अलग-अलग मजदूरी दी जाती है, और वो भी समय पर नहीं। ज्ञापन में प्रत्येक सफाई कर्मी को 600 रुपये प्रतिदिन मजदूरी देने की मांग की गई है, साथ ही ईएसआई और पीएफ की राशि नियमित रूप से खाते में जमा करने की बात भी उठाई गई है। सफाई कर्मियों का कहना है कि उनसे कटौती तो होती है, लेकिन जमा हुआ या नहीं, इसका कोई सबूत नहीं मिलता।
मेडिकल सुविधा भी नदारद है। ऐसे में, अगर किसी सफाई कर्मचारी को कोई दुर्घटना हो जाए या तबीयत खराब हो जाए, तो उसके पास इलाज का कोई विकल्प नहीं रहता।सफाई कर्मियों का आरोप है कि अगर कोई मजदूर आवाज उठाता है, तो उसे काम से निकालने की धमकी दे दी जाती है। इस स्थिति से तंग आकर सभी सफाई कर्मी अब एकजुट होकर आवाज बुलंद कर रहे हैं। नेता संजय शर्मा ने कहा, “सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम मजदूरी नहीं देना इस बात का संकेत है कि मजदूरों को दास समझा जा रहा है। अब और शोषण नहीं सहेगा मजदूर वर्ग।”

सफाई कर्मियों ने यह भी सवाल उठाया कि बक्सर नगर परिषद को प्रत्येक माह सफाई मद में लगभग 1.15 करोड़ रुपये मिलते हैं, फिर भी सफाई कर्मियों को न तो उचित मजदूरी मिलती है, न कोई सुविधा। संजय शर्मा ने कहा, “नगर परिषद अपने आप में एक सरकार है। हम सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से मांग करते हैं कि वे मजदूरों की मेहनत का सम्मान करें और मजदूरी सुधार के लिए ठोस कदम उठाएं। अगर मांगें नहीं मानी गईं तो हम आंदोलन के रास्ते पर जाने को मजबूर होंगे।” ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से लखन कुमार, मुकेश कुमार, सागर बसफोर, कुसुम बसफोर, पूनम देवी, गीता देवी, सिंकी कुमारी, धर्मशिला देवी, मोहन बसफोर, तूफानी और सूर्यदेव कुमार सहित कई अन्य सफाई कर्मी मौजूद रहे।