जनता की अदालत है लोक अदालत: प्रधान जिला न्यायाधीश हर्षित सिंह बक्सर खबर। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में शनिवार को वर्ष 2025 की दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन व्यवहार न्यायालय परिसर में बड़ी सफलता के साथ किया गया। इस मौके पर कुल 1422 मामलों का सुलह के आधार पर निपटारा कराया गया। साथ ही 4 करोड़ 4 लाख 32 हजार 712 रुपये की समझौता राशि पर हस्ताक्षर किए गए। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार हर्षित सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उनके साथ मंच पर उपस्थित रहे प्रथम प्रधान न्यायाधीश मनोज कुमार, जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य, अवर न्यायाधीश-सह-सचिव नेहा दयाल सहित अन्य न्यायिक पदाधिकारी और गणमान्य अतिथि। मंच का संचालन मुंसिफ द्वितीय नेहा त्रिपाठी ने किया।
लोक अदालत में विभिन्न श्रेणियों के मामलों का निपटारा कराया गया। बैंक से जुड़े 367 मामलों में 1 करोड़ 87 लाख 77 हजार 698 रुपए की समझौता राशि पर सहमति बनी। वहीं, बैंकों के रिकवरी से जुड़े 222 मामलों में 2 करोड़ 14 लाख 69 हजार 578 रुपए पर सुलह हुई। इस मौके पर 620 ट्रैफिक चालान, 84 आपराधिक वाद और 126 विद्युत संबंधी मामलों का भी सुलह हुआ। कुल मिलाकर लोक अदालत ने एक दिन में सैकड़ों लोगों को राहत दी।अपने संबोधन में प्रधान जिला न्यायाधीश हर्षित सिंह ने कहा कि लोक अदालत एक ऐसा मंच है, जहां सुलह के आधार पर जल्दी और सुलभ न्याय मिलता है। इसमें न कोई हारता है और न ही जीतता है, बल्कि दोनों पक्षों की सहमति से न्याय होता है।

जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने कहा कि लोक अदालत का आयोजन न्यायपालिका पर बढ़ते बोझ को कम करने और आम जनता को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से होता है। उन्होंने कहा कि जो वादी वर्षों से कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं, वे लोक अदालत में आकर एक ही दिन में मुकदमे का निपटारा कर सकते हैं। इस अवसर पर जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश उदय प्रताप सिंह, मनीष कुमार शुक्ला, अनुपम कुमारी, संजीत कुमार सिंह, देवराज, भोला सिंह, महेश्वर कुमार पांडे, ज्योत्सना ज्योति, चंदन कुमार सहित न्यायिक पदाधिकारी मौजूद रहे। मोहम्मद जावेद, रामानंद मिश्रा, ठाकुर विजय कुमार समेत पैनल अधिवक्ताओं ने न्याय प्रक्रिया में सहयोग किया। वहीं तकनीकी स्वयंसेवक, कार्यालयकर्मी और विधिक स्वयंसेवकों ने आयोजन को सफल बनाने में विशेष भूमिका निभाई।