बक्सर खबर (माउथ मीडिया ) । पड़ितवा बौरा गया है। लोगन के परेशान कर रहा है। लेकिन, नेतवन सब के होश उड़ा दिया है। इस काम बढ़िया हुआ है। पानी व चाय दुकान वालन के आमदनी बढ़ गया है। यह कह कर बतकुच्चन गुरू हंसने लगे। मुझे लगा जैसे व्यंग बाण चला रहे हैं। मैं उनकी तरफ देख रहा था, आगे क्या कहने वाले हैं। क्योंकि वे चुप तो होते नहीं हैं। लेकिन, वे खामोश हो गए। मैंने उनकी चुप्पी तोड़ने के लिए कहा गुरु कहां खो गए, किसके बारे में बोल रहे हैं। इतना सुनते ही शुरू हो गए। का गुरू हमके सब पता हो और तु अनजान बन रहे हो। जब से पड़ितवा आइस है, बहुत जना के होश उड़ गवा है। जौन मिला नेता बन के दफ्तर-दफ्तर घुमे फिरते थे। सब सड़क से गायब हो गए हैं।
जहां ड्यूटी रहा उहां डटे हुए हैं। लेकिन, गुरू हमरा इ न बुझा रहा है। ओकरा मकसद समाज व व्यवस्था में सुधार है या हवा बाजी करे है। हमका सुने मिला है कि लोगन के परेशान तो कर रहा है। लेकिन, जिला के एगो बचवन के मंदिर में चापाकल तक नहीं लग पाया है। जबकि न जाने कितना जगह चापाकल खराब पड़ा है। अरे मनई जोर है तो कबारो चापाकल और गाड़ दो नया। खाली ओका-बोका खेल रहे हो, लखेदा-लखेदी करने आए हो। एक बात जान लो नियत साफ नहीं रहेगी तो जनता उल्टे गारियो देती है। इतना कहते हुए बतकुच्चन गुरु आगे बढ़ गए। मुझे यह भी नहीं बताया यह सब वे किसके लिए क्यूं कह रहे थे। (माउथ मीडिया : बक्सर खबर का साप्ताहिक व्यंग कॉलम है। जो प्रत्येक शुक्रवार को प्रकाशित होता है)