बक्सर खबरः शुक्रवार को राजपरिवार के युवराज व्यवहार न्यायालय पहुंचे। तो चर्चा का विषय बन गया। क्योंकि वर्ष 2015 के बाद डुमरांव के युवराज चन्द्र विजय सिंह व महराज शिवांग विजय सिंह कोर्ट पहुंचे थे। मामला था राज अस्पताल विवाद में अपने किरायेदार रामबाबू गुप्त को हटाने का। युवराज व शिवांग समेत छह लोगों पर मामला दर्ज था। जिसकी जमानत लेने पहुचे थे। परन्तु दो साल बाद जब कोर्ट दिखा राजपरिवार तो खलबली मच गयी। चारों तरफ चर्चा खुसुर-फुसुर होने लगा। क्या बात है उस मामले का फैसला नही है। मामला कुछ और ही था। आज रामबाबू गुप्ता टीम व युवराज की टीम कोर्ट में सुलहनामा डालने पहुंची थी। सुलहनामा अर्जी पड़ी भी।
परन्तु कोर्ट ने अर्जी की सुनवाई के लिए 25 मई को तिथी तय किया। युवराज ने कहा कि रामबाबू गुप्ता ने अपने गलती की क्षमा मांग ली है। जिसके बाद दोनों पक्ष सुलहपर तैयार हो गये है। क्योंकि राज अस्पताल मामले में काउंटर के हुआ था। इसलिए दोनों पक्षों कोर्ट में मौजूद है। युवराज ने कहा कि उस समय भी राजपरिवार के नीतियों के तहत ही अस्पताल का पुर्ननिर्माण किया जाना था। उस समय इनकों दुकान खाली करने को कहा गया था। परन्तु ये कुछ लोगों के बहकावे में आकर दुकान खाली नही कर रहे थे। जिर्णोधार के दौरान वह दुकान टूट गया। इसके बाद इन्होंने फर्जी मुकदमें दर्ज कराये थे। अब कुछ दिन पूर्व रामबाबू के परिजन द्वारा अपनी गलती का एहसास हुआ तो माफी मांगी। जिसका परिणाम है कि आज कोर्ट में सुलहनामा पड़ा है। वहीं शिवांग विजय सिंह ने कि हर व्यक्ति सेे कहूंगा कि किसी बहकावे में आकर अपना गवां सकते है पा नही सकते यही इस केस में भी हुआ।































































































