कैथी लिपि के संरक्षण से खुलेगा भोजपुरी को संविधानिक मान्यता का रास्ता: इतिहासकार भैरव लाल 

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संग्रहालय में तीन दिवसीय कार्यशाला शुरू, डॉ शिव कुमार मिश्र बोले कैथी में हैं भूमि विवादों के समाधान की चाबी          बक्सर खबर। भोजपुरी भाषा को संविधान की अष्टम अनुसूची में शामिल कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए शनिवार को स्थानीय सीताराम उपाध्याय संग्रहालय में कैथी लिपि संरक्षण हेतु तीन दिवसीय कार्यशाला की शुरुआत हुई। कार्यशाला का उद्घाटन इतिहासकार और कैथी लिपि विशेषज्ञ भैरव लाल दास ने किया। उन्होंने कहा कि भोजपुरी भाषा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित रखने के लिए कैथी लिपि का ज्ञान और उसका संरक्षण अनिवार्य है।श्री दास ने अपने संबोधन में कहा कि भोजपुरी को संविधान में स्थान दिलाने के लिए हमें कैथी लिपि में लिखी गई अधिकतम पांडुलिपियों का दस्तावेजीकरण करना होगा। उन्होंने संग्रहालय में मौजूद मलूक दास की कैथी पांडुलिपि और लक्ष्मी कांत मुकुल के निजी संग्रह में दरिया दास की दुर्लभ पांडुलिपियों का उल्लेख करते हुए कहा कि कैथी लिपि का प्रयोग शेरशाह सूरी ने भी अपनी मुहर में किया था।

सहायक संग्रहालयध्यक्ष डॉ. शिव कुमार मिश्र ने कार्यशाला में बताया कि बिहार के अनेक प्राचीन शिलालेख जैसे बैजनाथ मंदिर (कैमूर), श्रीनगर (मधेपुरा) और अंधरा ठाढ़ी के अभिलेख इस बात का प्रमाण हैं कि कैथी लिपि प्राचीन समय से प्रचलन में रही है। उन्होंने कहा कि आज बिहार में सबसे ज्यादा विवाद जमीन-जायदाद को लेकर है और इनके समाधान की चाबी कैथी में छिपी हुई है। कैथी सीखने के साथ-साथ दस्तावेज लेखन, उर्दू और फारसी शब्दों की समझ भी जरूरी है। इस कार्यशाला में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से कैथी पर शोध कर रहे प्रीतम कुमार और छपरा के वकार अहमद बतौर रिसोर्स पर्सन प्रतिभागियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। कार्यशाला में 50 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं, जिनमें वरिष्ठ अधिवक्ता, किसान, अमीन, शिक्षक-शिक्षिकाएं, पत्रकार, छात्र-छात्राएं शामिल हैं।

कैथी कार्यशाला में शामिल लोग

कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ वरिष्ठ साहित्यकार लक्ष्मी कांत मुकुल, जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी प्रतिमा कुमारी समेत अन्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। अतिथियों का स्वागत मिथिला पेंटिंग से सजे अंगवस्त्रों से किया गया। कार्यशाला में अनिकेत कुमार, पशुपतिनाथ सिन्हा, मोहम्मद आशिक, रामरूप ठाकुर, अभिशेष चौबे, अभिनंदन कुमार, राम मुरारी, विमल यादव, अभिजीत कुमार, सुमन कुमार मिश्र सहित हर उम्र के प्रतिभागियों ने बड़े ही उत्साह और रुचि के साथ प्रशिक्षण प्राप्त किया। रविवार को भी प्रातः 10 बजे से कार्यशाला जारी रहेगी।

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