वादकारियों को मध्यस्थता व लोक अदालत की जानकारी दें: न्यायाधीश नेहा दयाल

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मेडिएशन फॉर द नेशन: वादों का निपटारा आपसी सुलह से, लोगों को मिलेगा फायदा                                      बक्सर खबर। नालसा और सुप्रीम कोर्ट मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति की ओर से चल रहे 90 दिवसीय विशेष अभियान “मेडिएशन फॉर द नेशन” और आगामी 13 सितंबर को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए बुधवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण परिसर में एक अहम बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता अवर न्यायाधीश-सह-सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार नेहा दयाल ने की। इसमें जिले के सभी पारा विधिक स्वयंसेवक शामिल हुए। बैठक में बताया गया कि मध्यस्थता विवाद सुलझाने की एक प्रक्रिया है, जिसमें एक तटस्थ व्यक्ति दोनों पक्षों को बातचीत के जरिए समझौते पर पहुंचने में मदद करता है। यह पूरी तरह स्वैच्छिक और गोपनीय होती है।

इसमें दोनों पक्षों को समय, पैसा और मानसिक तनाव से राहत मिलती है। कोर्ट में सालों तक केस लड़ने की बजाय, लोग आपसी सहमति से जल्दी समाधान पा सकते हैं। श्रीमती दयाल ने सभी विधिक स्वयंसेवकों से कहा कि जब वे वादकारियों को नोटिस देने जाएं, तो उन्हें मध्यस्थता और राष्ट्रीय लोक अदालत दोनों के बारे में जानकारी दें। उन्होंने कहा कि “लोगों को समझाना है कि अदालत में लंबा केस लड़ने की बजाय, अगर वे मध्यस्थता केन्द्र में आएंगे तो आपसी सुलह-सहमति से जल्दी और आसानी से मामला निपट जाएगा।” बैठक में हरेराम यादव, गजेंद्र नाथ दुबे, अशोक कुमार, अविनाश कुमार श्रीवास्तव, प्रीति कुमारी, नीतू कुमारी, प्रिया रंजन पांडे, रुकैया, संतोष कुमार सिंह, ज्योति कुमार, शिवदयाल पांडेय, अंजुम कुमार रावत, मदन प्रजापति समेत कई पारा विधिक स्वयंसेवक मौजूद रहे।

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