-दत्तक ग्रहण संस्थान पहुंच डीएम अंशुल अग्रवाल ने पूरी की औपचारिकता
बक्सर खबर। दो मासूम बच्चियां जो कल तक अनाथ थी। अब उन्हें माता-पिता की गोद नसीब हो गई है। सोमवार को कर्नाटक व बंगाल से आए दंपतियों ने उन्हें गोद लिया। स्वयं जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने उन्हें यह बच्चे सौंपे। जन संपर्क विभाग ने इस संबंध में सूचना जारी करते हुए बताया है कि प्रथम लगभग 03 वर्ष 06 माह के बालिका को कर्नाटक के दम्पति को एवं द्वितीय 04 माह की बालिका को पश्चिम बंगाल के दंपति प्राप्त किया। बालिका को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा जारी दत्तक ग्रहण विनियम 2022 के प्रावधानों के आलोक में समस्त प्रक्रिया पूर्ण कर दतक ग्रहण हेतु प्रदान किया गया है।
पश्चिम बंगाल के दंपति के द्वारा लगभग 03 वर्ष 06 माह पूर्व बच्चा गोद लेने हेतु पंजीकरण किया गया था एवं कर्नाटक के दंपति के द्वारा लगभग 04 वर्ष पूर्व गोद लेने हेतु पंजीकरण किया गया। सहायक निदेशक द्वारा केन्द्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण के द्वारा निवासी भारतीय भावी दत्तक माता-पिता के लिए राज्य और जोन वाइज दतक ग्रहण हेतु उपलब्ध बालकों और प्रतीक्षारत दंपति की विवरणी की उपलब्धता की नई व्यवस्था के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराई गई। नई व्यवस्था के अंदर भावी दत्तक माता-पिता अब सामान्य तौर पर पाँच बार प्राथमिकता विकल्पों को तथा लिंग, उम्र, एकल/भाई बहन तथा राज्य/जोन को तीन बार संशोधित कर सकेंगे।
इससे पूर्व विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान बक्सर की तीन बालिकाओं को आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं चंडीगढ़ के भावी दंपति को पूर्व में गोद दिया गया है। दतक ग्रहण निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी द्वारा मौसम को ध्यान मे रखते हुए सभी आवश्यक व्यवस्था करने का निर्देश दिया। साथ ही, खानपान की उचित व्यवस्था एवं स्वास्थ्य संबंधी विशेष आवश्यकताओं के अनुश्रवण का निर्देश दिया गया। उक्त अवसर पर सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा कोषांग बक्सर, सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई बक्सर, दतक ग्रहण कमिटी के चिकित्सक एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।

































































































