25 मई को विक्रमगंज में होगी ऐतिहासिक महारैली, उपेन्द्र कुशवाहा देंगे नेतृत्व बक्सर खबर। बिहार में लोकसभा और विधानसभा सीटों की संख्या में न्यायोचित हिस्सेदारी की मांग को लेकर राष्ट्रीय लोक मोर्चा पूरी ताकत से मैदान में उतर चुका है। इसी कड़ी में 25 मई को विक्रमगंज इंटर कॉलेज मैदान में “संवैधानिक अधिकार – परिसीमन सुधार” विषय पर एक महारैली आयोजित की जा रही है, जो सुबह 11 बजे से शुरू होगी। महारैली की तैयारी को लेकर सोमवार को स्थानीय बाईपास रोड स्थित एस एस पैलेस में एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष सह बक्सर प्रभारी राज कुमार सिंह ने कहा कि अब वक्त आ गया है जब बिहार को उसका वाजिब हक मिले। उन्होंने ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 82 के तहत हर 10 साल में जनसंख्या के आधार पर लोकसभा क्षेत्रों का परिसीमन किया जाना चाहिए। 1951, 1961 और 1972 में परिसीमन हुआ भी, जिससे लोकसभा सीटों की संख्या क्रमश: 494, 522 और 543 तक पहुंची। लेकिन 1976 में आपातकाल के दौरान इसे 25 वर्षों के लिए फ्रीज कर दिया गया। 2001 में भी यही प्रक्रिया दोहराई गई और फिर से 25 सालों के लिए परिसीमन पर रोक लग गई।
अब 2026 में परिसीमन की प्रक्रिया तय है। ऐसे में दक्षिण भारत के राज्य जहां इस मुद्दे पर खुलकर विरोध दर्ज करा रहे हैं, वहीं उत्तर भारत खासकर बिहार में इस पर खास चर्चा नहीं हो रही है। जबकि यह विषय बिहार के भविष्य से सीधे जुड़ा है। राज कुमार सिंह ने कहा कि जब तक हर लोकसभा सीट पर लगभग समान जनसंख्या नहीं होगी, तब तक “एक व्यक्ति – एक वोट – एक मूल्य” की संवैधानिक भावना अधूरी रहेगी। अगर समय पर परिसीमन होता तो बिहार की संसद और विधानसभा में हिस्सेदारी और मजबूत होती।

राज कुमार सिंह ने जनता से अपील करते हुए कहा कि अगर अभी हम चुप रहे, तो आने वाले वर्षों तक अन्याय झेलते रहेंगे। इसीलिए राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने इस भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने का फैसला किया है। विक्रमगंज की यह महारैली बिहार के हक की लड़ाई में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई को मजबूती देने के लिए सभी भाई-बहनों से अनुरोध है कि भारी संख्या में इस महारैली में शामिल होकर उपेन्द्र कुशवाहा का साथ दें और बिहार की आवाज को बुलंद करें। प्रेस वार्ता में जिलाध्यक्ष विंध्याचल कुशवाहा, वरिष्ठ नेता दिनानाथ ठाकुर, बबन सिंह कुशवाहा, सुकुल राम, अरुण कुशवाहा, योगेंद्र चौहान समेत कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।