सनातन संस्कृति की अलख जगा रही विश्वामित्र सेना

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सदस्यता नहीं, ये है आत्मगौरव और परंपरा का यज्ञ: राजकुमार चौबे                                                    बक्सर खबर। सनातन संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने और सांस्कृतिक चेतना को जागृत करने की मुहिम जिले में जोर पकड़ रही है। विश्वामित्र सेना और सनातन संस्कृति उत्थान संवाद के सदस्यता अभियान को लोगों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। अभियान के तहत युवाओं, श्रद्धालुओं और प्रबुद्धजनों की बड़ी भागीदारी देखी जा रही है। हाल ही में प्रधानमंत्री को बक्सर की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए लिखे गए पत्र के बाद इस अभियान में नया जोश देखने को मिल रहा है। सेना के कार्यकर्ता जगह-जगह पहुंचकर सनातन मूल्यों, परंपराओं और आत्मगौरव से जुड़ी बातों को लोगों तक पहुंचा रहे हैं।

विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे ने कहा कि “बक्सर तप और त्याग की धरती है। हमारी कोशिश है कि सनातन संस्कृति की विरासत केवल ग्रंथों में सीमित न रह जाए, बल्कि वह वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों का जीवन-दिशा बने।” उन्होंने यह भी कहा कि यह अभियान सिर्फ सदस्यता लेने का नहीं, बल्कि आत्म-संवेदना और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का एक यज्ञ है, जिसमें हर सनातन प्रेमी को आहुति देनी है।

अभियान को लेकर जिले भर के युवाओं में खासा उत्साह है। वे इसे अपने अस्तित्व और परंपरा से जुड़ने का माध्यम मान रहे हैं। विश्वामित्र सेना ने निकट भविष्य में और भी कई संवाद, जागरूकता कार्यक्रम और सांस्कृतिक आयोजन करने की योजना बनाई है।अभियान के दौरान विश्वामित्र सेना के सक्रिय सदस्य अशोक उपाध्याय, कपिल मुनि बाबा, पंडित अभय सहित कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे।

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