रामलीला महोत्सव का 21वां दिन दामा पंथ प्रसंग देख श्रद्धालु हुए भाव-विभोर बक्सर खबर। किला मैदान में चल रहे 22 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव के 21वें दिन शनिवार को श्रद्धालु एक अलग ही आध्यात्मिक रंग में रंग गए। वृंदावन से आए राधा माधव रासलीला एवं रामलीला संस्थान के कलाकारों ने स्वामी सुरेश उपाध्याय ‘व्यासजी’ के निर्देशन में प्रसिद्ध प्रसंग दामा पंथ का मंचन किया। मंचन में दिखाया गया कि मेदिनीपुर के ब्राह्मण दामा जी, जो पेशे से शिक्षक और स्वभाव से अत्यंत धार्मिक प्रवृत्ति के थे, भगवान की भक्ति में जीवन समर्पित कर देते हैं। नवाब के यहां तहसीलदार बनने के बाद भी वे गरीब किसानों की सेवा में लगे रहते हैं। सूखा पड़ने पर दामा जी ने किसानों के लिए अनाज का गोदाम खोल दिया। इस पर मियां मुंशी ने उनकी शिकायत नवाब से कर दी और दामा जी को फांसी का आदेश दे दिया गया।
लेकिन जैसे ही दामा जी ने विठ्ठल भगवान का भजन-कीर्तन किया, भगवान स्वयं चाकर का रूप धारण कर नवाब के दरबार में पहुंचे और अपनी झोली से नवाब के खाली गोदाम भर दिए। यह चमत्कार देखकर नवाब भावविभोर हो गया। भगवान अंतर्ध्यान हो गए और नवाब ने दामा जी को फांसी से उतारकर स्वयं भगवान की भक्ति स्वीकार कर ली। समिति के संयुक्त सचिव सह मीडिया प्रभारी हरिशंकर गुप्ता ने बताया कि रविवार को नगर के श्रीचन्द्र मंदिर पर रात 8 बजे से भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक और फूलों की दिव्य होली मिलन लीला का आयोजन होगा। इसी के साथ इस वर्ष का रामलीला महोत्सव संपन्न होगा।