किसानों को वैज्ञानिक खेती के गुर सिखाए गए

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कृषि विज्ञान केंद्र में खरीफ फसल उत्पादन की उन्नत तकनीक पर किसान गोष्ठी का आयोजन                बक्सर खबर। स्थानीय लालगंज स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में बुधवार को किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी का मुख्य विषय था “खरीफ फसल उत्पादन की उन्नत तकनीक”। इसका उद्देश्य किसानों को खरीफ की फसलों को उगाने के वैज्ञानिक तरीकों और नई तकनीकों के बारे में जानकारी देना था, ताकि वे बेहतर पैदावार हासिल कर सकें। कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. पीएस पाण्डेय, जो डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के कुलपति हैं, और इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भी थे, उन्होंने दीप जलाकर किया।

कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख डॉ. देवकरन ने सभी मेहमानों और किसान भाइयों का स्वागत किया। उन्होंने केंद्र द्वारा किए जा रहे कार्यों और उपलब्धियों के बारे में संक्षेप में बताया। इसके साथ ही, उन्होंने धान और खरीफ की दलहनी फसलों की वैज्ञानिक खेती के तरीकों के बारे में किसानों को जागरूक किया। कृषि वैज्ञानिक हरिगोविन्द ने किसानों को खरीफ फसलों के अच्छी गुणवत्ता वाले बीज तैयार करने की तकनीक के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मुख्य अतिथि डॉ. पीएस पाण्डेय ने स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा की जा रही कृषि गतिविधियों की सराहना की। उन्होंने किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों की जरूरत और उनके फायदों के बारे में बताया। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को भरोसेमंद संस्थानों के बीजों का ही इस्तेमाल करना चाहिए।

कृषि विज्ञान केन्द्र में आयोजित गोष्ठी में शामिल किसान

डॉ. पाण्डेय ने किसानों को सलाह दी कि आज के समय में खेती को एक व्यवसाय के रूप में देखने की जरूरत है। इसके लिए सिर्फ उत्पादन ही नहीं, बल्कि फसलों की प्रोसेसिंग, उनका मूल्य बढ़ाना और उनकी मार्केटिंग के बारे में भी जागरूक होना जरूरी है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों और सहभागी बीज उत्पादन कार्यक्रमों में जिले के किसानों को ज्यादा से ज्यादा जुड़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बेहतर पैदावार के लिए सामूहिक और योजना बनाकर खेती करने की बात कही।कार्यक्रम के दौरान, वहां मौजूद किसानों और एफपीओ के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव और विचार एक दूसरे के साथ बांटे। कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा तैयार की गई एक पुस्तिका, जिसका शीर्षक था “मशरूम उत्पादन की उन्नत तकनीकी”, का विमोचन मुख्य अतिथि और अन्य मंच पर उपस्थित अतिथियों द्वारा किया गया। अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत, किसानों को मिल्केकन जैसे जरूरी सामान भी दिए गए। इसके बाद, किसानों ने खेत का दौरा किया और परिसर में वृक्षारोपण किया, जिसके साथ ही कार्यक्रम का समापन हुआ।          इस कार्यक्रम में 40 से अधिक किसानों ने भाग लिया, जिनमें भुवनेश्वर पाल, उपेन्द्र सिंह, बिनोद सिंह, चितरंजन तिवारी, दयानंद सिंह, जयप्रकाश सिंह, आशुतोष पाण्डेय, अमरेश सिंह, विकास कुमार, दशरथ सिंह, गौरीशंकर, अजय पाण्डेय, विमलेश कुमार तिवारी आदि प्रमुख थे। केंद्र के आरीफ प्रवेज, रवि चटर्जी, राकेश मणि, राजेश कुमार राय, सरफराज अहमद खान, मुकेश आदि ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना सहयोग दिया।

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