बक्सर खबर। शहर के बाईपास रोड स्थित बिहार सेंट्रल स्कूल में शनिवार को खास योग शिविर का आयोजन हुआ, जिसमें बच्चों ने योगाभ्यास के साथ जीवन को नई दिशा देने वाले प्रेरणादायक संदेश भी सीखे। शिविर का संचालन मुंबई से पधारीं प्रसिद्ध योग गुरु एवं मोटिवेशनल स्पीकर सुरुचि सिंह ने किया।शिविर के दौरान उन्होंने न केवल योग की व्यावहारिक विधियां सिखाईं, बल्कि योग के मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक लाभों पर भी सरल और सहज भाषा में चर्चा की। उन्होंने छात्रों के सवालों के जवाब भी योग और ध्यान की तकनीकों के माध्यम से दिए।
जब छात्रा राजलक्ष्मी ने पूछा कि “योग से अनुकूलता कैसे लाई जा सकती है?”, तो सुरुचि जी ने बताया कि नियमित अभ्यास से मन और शरीर में लचीलापन आता है, जिससे किसी भी स्थिति में खुद को ढालना आसान होता है। आस्था के सवाल पर कि “पढ़ाई को योग से कैसे रुचिकर बनाया जा सकता है?”, उन्होंने अनुलोम-विलोम और ध्यान क्रियाओं का अभ्यास कराया, जो मन को स्थिर कर एकाग्रता और रुचि दोनों बढ़ाते हैं। सत्यम का सवाल था – “एकाग्रता को सफलता में कैसे बदला जाए?” इस पर सुरुचि जी ने ध्यान मुद्रा का अभ्यास कराते हुए समझाया कि ध्यान से फोकस बढ़ता है और यही सफलता की कुंजी है।सुरुचि सिंह ने बताया कि योग केवल शरीर को स्वस्थ रखने का जरिया नहीं, बल्कि सोच, व्यवहार और दृष्टिकोण को सकारात्मक बनाने वाला संपूर्ण विज्ञान है। उन्होंने बच्चों को स्वयं योग कराकर प्रेरित भी किया।

इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य सरोज सिंह ने सुरुचि सिंह का सम्मान करते हुए उन्हें शॉल, बुके, अंगवस्त्र, स्कूल डायरी और ‘विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग’ की पेंटिंग भेंट की। सरोज सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “आज के तनावपूर्ण जीवन में योग पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है। भगवान श्रीकृष्ण ने भी गीता में यही संदेश दिया है।”