गांव में पसरा मातम, शहीद के अंतिम दर्शन को उमड़ेगा जनसैलाब बक्सर खबर। “न इंतिजार करो इनका ऐ अजा-दारो, शहीद जाते हैं जन्नत को घर नहीं आते…” ये पंक्तियां अब नरबतपुर गांव के हर घर में गूंज रही हैं। चौसा नगर पंचायत के नरबतपुर गांव निवासी भारतीय सेना के वीर जवान सुनील सिंह यादव अब हमारे बीच नहीं रहे। जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी ड्रोन हमले में गंभीर रूप से घायल हुए सुनील सिंह ने बीते 9 मई 2025 को वीरता की आखिरी परीक्षा दी। घायल होने के बाद उन्हें तत्काल उधमपुर स्थित सेना अस्पताल में एयरलिफ्ट कर इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद डॉक्टर उनकी जान नहीं बचा सके। उन्होंने अमर शहीद का दर्जा पाते हुए देश और अपने गांव का नाम रोशन कर दिया।
सुनील सिंह यादव अपने परिवार के साथ राजौरी में ही सरकारी क्वार्टर में रहते थे। उनकी धर्मपत्नी और दो छोटे बच्चे हैं, जो अब जीवन भर अपने इस वीर पिता की यादों के सहारे जीएंगे। उनका छोटा भाई चंदन सिंह यादव भी सेना में कार्यरत है। सुनील सिंह के पिता जनार्दन सिंह और मां पवदारी देवी, जो प्रधानाध्यापक के पद से रिटायर हो चुकी हैं, गांव में ही रहते हैं। जैसे ही शुक्रवार को सुनील सिंह की शहादत की खबर गांव पहुंची, वहां कोहराम मच गया। चारों तरफ शोक की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों की आंखें नम हैं और हर कोई इस वीर सपूत को अंतिम बार देखने की बाट जोह रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, देर रात उनका पार्थिव शरीर गांव लाया जाएगा, जहां पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। गांव के लोग, रिश्तेदार, पंचायत प्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी सभी अंतिम विदाई की तैयारी में जुट गए हैं। पूरे इलाके में माहौल गमगीन है, लेकिन साथ ही फक्र भी है कि नरबतपुर की माटी ने ऐसा लाल दिया जिसने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।