प्रोजेक्ट SHE की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षक लड़कियों को आत्मरक्षा का कौशल सिखा रहे हैं बक्सर खबर। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, भारत में रेप के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 2001 के बाद से इन मामलों में दोगुनी वृद्धि हुई है। हर दिन औसतन 86 रेप केस दर्ज होते हैं, जबकि हजारों पीड़िताएं पुलिस में शिकायत तक नहीं कर पातीं। साल 2016 से 2022 के बीच बाल बलात्कार के मामलों में 96.8% की वृद्धि दर्ज की गई है। ऐसे में बेटियों की सुरक्षा को लेकर समाज को एक नए दृष्टिकोण की आवश्यकता है। अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं, लेकिन 24 घंटे उनकी निगरानी संभव नहीं है। इसलिए रुद्रा गुरुकुल ने “प्रोजेक्ट एसएचई” की शुरुआत की है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षक लड़कियों को आत्मरक्षा का कौशल सिखा रहे हैं। रुद्रा गुरुकुल ने जिले के सभी प्रखंडों में सरकारी स्कूलों की कक्षा 9 और 10 की छात्राओं के लिए “प्रोजेक्ट SHE (स्ट्रांग हेल्दी इंपावर्ड)” की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत 1 लाख लड़कियों को निशुल्क आत्मरक्षा, फिटनेस और साइबर सुरक्षा की ट्रेनिंग दी जाएगी।
रूद्रा गुरुकुल के संस्थापक अभिराम का कहना है, “किसी भी देश के नागरिक ही सबसे महत्वपूर्ण संसाधन होते हैं। हमारी शारीरिक और मानसिक सुरक्षा इस बात पर निर्भर करती है कि हम खतरों का सामना करने के लिए कितने तैयार हैं। आत्मरक्षा केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक और साइबर सुरक्षा के लिए भी जरूरी है।” इस अभियान के तहत शिक्षा विभाग के सहयोग से जिले के स्कूलों में विशेष कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। इन कार्यशालाओं में विशेषज्ञ प्रशिक्षक छात्राओं को आत्मरक्षा और साइबर सुरक्षा के 10 जरूरी कौशल सिखाएंगे।

व्यक्तिगत सुरक्षा: पर्सनल स्पेस, बॉडी पोजिशनिंग और सुरक्षा रणनीति। डिफेंसिव तकनीक: हाफ गार्ड, फुल गार्ड और डिफेंसिव फ्रेमवर्क। आत्मरक्षा तकनीक: एल्बो स्ट्राइक, पाम स्ट्राइक, हैमर स्ट्राइक। टैक्टिकल स्टैंड अप: ग्राउंड वर्क और सुरक्षा तकनीक। डिसआर्म तकनीक: आत्मरक्षा के लिए कांउटर ग्रैबिंग तकनीक। यूनिवर्सल सुरक्षा संकेत: खतरे की स्थिति में सुरक्षित प्रतिक्रिया। सीपीआर जीवन रक्षा: आपातकालीन स्थिति में सीपीआर और अन्य तकनीक। साइबर सुरक्षा: ऑनलाइन खतरों से बचने के उपाय। प्राइवेसी सेटिंग्स: सोशल मीडिया और इंटरनेट पर सुरक्षित रहने के तरीके। फिटनेस और एक्सरसाइज: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए रूटीन वर्कआउट। रूद्रा गुरुकुल न्यास के अध्यक्ष शिव प्रकाश दुबे का कहना है कि हम इस अभियान के जरिए बेटियों को न केवल आत्मनिर्भर बना रहे हैं, बल्कि उन्हें सुरक्षित और स्वस्थ जीवन जीने की दिशा में भी मार्गदर्शन दे रहे हैं।