एक जनवरी से कोर्ट और बैंक में भी मान्य होगी डिजिटल नकल बक्सर खबर। जिले के नागरिकों के लिए नए साल की शुरुआत एक बड़ी राहत के साथ होने जा रही है। अब जमीन से जुड़े कागजातों के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। राज्य सरकार के निर्देश के आलोक में 1 जनवरी से राजस्व अभिलेखों की सत्यापित प्रतिलिपि पूरी तरह डिजिटल प्रणाली से जारी की जाएगी। इस संबंध में जानकारी देते हुए एडीएम अरुण कुमार सिंह ने बताया कि अब जमाबंदी, खतियान, खेसरा, एलपीसी, म्यूटेशन समेत भूमि से संबंधित सभी अभिलेखों की सत्यापित प्रतियां केवल भू-अभिलेख पोर्टल के माध्यम से डिजिटल हस्ताक्षरित रूप में उपलब्ध होंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि 1 जनवरी 2026 से कागजी सत्यापित नकल की व्यवस्था पूरी तरह समाप्त कर दी गई है।
एडीएम ने बताया कि बिहार अभिलेखागार हस्तक, 1960 के संशोधित नियमों के तहत ऑनलाइन प्रणाली से निर्गत और सक्षम पदाधिकारी द्वारा डिजिटल हस्ताक्षरित प्रतिलिपि को ही अब विधिसम्मत प्रमाणित प्रतिलिपि माना जाएगा। यह डिजिटल नकल न्यायालय, बैंक और अन्य सभी सरकारी व गैर-सरकारी कार्यों में पूरी तरह मान्य होगी। उन्होंने आगे कहा कि भू-अभिलेख पोर्टल पर उपलब्ध स्कैन अभिलेखों के आधार पर आवेदक ऑनलाइन आवेदन कर निर्धारित शुल्क का भुगतान करके आसानी से डिजिटल हस्ताक्षरित प्रति प्राप्त कर सकेंगे। यदि किसी अभिलेख की स्कैन प्रति फिलहाल पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है, तो उसकी मांग भी ऑनलाइन ही की जा सकेगी और उपलब्धता के अनुसार डिजिटल हस्ताक्षरित प्रति प्रदान की जाएगी। जिला प्रशासन का मानना है कि इस नई व्यवस्था से आम लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी। इससे न केवल समय, श्रम और धन की बचत होगी, बल्कि पारदर्शिता भी बढ़ेगी। जिला प्रशासन ने सभी संबंधित कार्यालयों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि वे नई डिजिटल प्रणाली के अनुरूप कार्य सुनिश्चित करें।



























































































