मालवीय जयंती पर कांग्रेस कार्यालय में संगोष्ठी, शिक्षा और राष्ट्र निर्माण पर हुई चर्चा

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वक्ताओं ने उन्हें महान शिक्षाविद्, राष्ट्रवादी चिंतक, निर्भीक पत्रकार और स्वतंत्रता आंदोलन के अग्रणी नेता के रूप में किया याद                                                               बक्सर खबर। भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती के अवसर पर गुरुवार को जिला कांग्रेस कार्यालय में संगोष्ठी सह परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय ने की। कार्यक्रम की शुरुआत पुष्प अर्पण, धूप-दीप प्रज्वलन और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुई। इस मौके पर वक्ताओं ने महामना मालवीय जी को महान शिक्षाविद्, राष्ट्रवादी चिंतक, निर्भीक पत्रकार और स्वतंत्रता आंदोलन के अग्रणी नेता के रूप में याद किया। अध्यक्षीय संबोधन में डॉ. मनोज पांडेय ने कहा कि महामना मालवीय जी का पूरा जीवन भारतीय संस्कृति, शिक्षा और राष्ट्रीय चेतना को समर्पित रहा। उनका दृढ़ विश्वास था कि शिक्षा ही राष्ट्र निर्माण की सबसे मजबूत नींव है। इसी सोच के साथ उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना कर युवाओं को आधुनिक विज्ञान के साथ भारतीय दर्शन, संस्कार और नैतिक मूल्यों से जोड़ने का ऐतिहासिक कार्य किया। हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा के रूप में प्रतिष्ठा दिलाने में भी उनका अहम योगदान रहा।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महामना मालवीय जी ने सामाजिक समरसता, धार्मिक सौहार्द और नैतिक मूल्यों को हमेशा सर्वोच्च रखा। उन्होंने पत्रकारिता को जनजागरण का सशक्त माध्यम बनाया और देशवासियों में राष्ट्रीय चेतना का संचार किया। उनका जीवन त्याग, तपस्या और राष्ट्रसेवा की अनुपम मिसाल है। संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि आज के सामाजिक और राजनीतिक दौर में महामना मालवीय जी के विचार और आदर्श पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं। उनके बताए मार्ग पर चलकर ही एक मजबूत, शिक्षित और संस्कारित भारत का निर्माण संभव है। कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता त्रिजोगी नारायण मिश्रा, सुनील कुमार पांडेय, शशिकांत पांडेय, बबन तुरहा, राजू यादव, राकेश यादव, तिवाष पाठक, इमारत वसीम सहित सामाजिक कार्यकर्ता और बुद्धिजीवी मौजूद रहे।

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