संग्रहालय में आयोजित हुआ विदाई समारोह, चौसा गढ़ की मृण्मूर्तियों और फोटो गैलरी से बक्सर को दिलाई नई पहचान बक्सर खबर। बिहार की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और उसे नई पहचान दिलाने में डॉ. शिव कुमार मिश्र का योगदान अद्भुत और अनुकरणीय रहा है। यह बातें पूर्व सांसद नागेन्द्र नाथ ओझा ने सीताराम उपाध्याय संग्रहालय में डॉ. मिश्र के सेवानिवृत्त होने पर आयोजित विदाई समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि डॉ. शिव कुमार मिश्र ने बिहार के दर्जनभर से अधिक सरकारी संग्रहालयों में पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन किया। पटना संग्रहालय में संगृहीत महापंडित राहुल सांकृत्यायन के दुर्लभ तिब्बती बौद्ध संग्रह को संरक्षित करने का उनका प्रयास ऐतिहासिक है। वहीं सीताराम उपाध्याय संग्रहालय को उन्होंने हाल के दिनों में नया रूप देकर अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया। उन्होंने बताया कि चौसा गढ़ की दुर्लभ मृण्मूर्तियों को प्रदर्शित कर नई दीर्घा विकसित की गई, साथ ही विरासत से जुड़ी फोटो गैलरी तैयार की गई, जो आगंतुकों और स्कूली बच्चों के लिए खास आकर्षण का केंद्र बनी है।
डॉ. मिश्र द्वारा पटना के अलावा दरभंगा, मधुबनी, बेगूसराय, भागलपुर, सहरसा, पश्चिमी चंपारण, गया, लखीसराय, नालंदा, जमुई, मुंगेर, भोजपुर सहित कई जिलों के संग्रहालयों में किए गए कार्य आज भी देखे जा सकते हैं। इसके साथ ही बक्सर, कैमूर, रोहतास और भोजपुर के पुरातात्विक स्थलों पर विरासत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए और बिहार की प्राचीन कैथी लिपि को बचाने की दिशा में भी ठोस पहल की गई। अपने संबोधन में संग्रहालय प्रभारी डॉ. शिव कुमार मिश्र ने सहयोग के लिए सभी सहकर्मियों, धरोहर प्रेमियों, पत्रकारों और बुद्धिजीवियों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि अपने सेवा काल में उन्होंने एक संग्रहालयकर्मी के दायित्वों का पूरी ईमानदारी से निर्वहन किया और यह सब सहयोग के बिना संभव नहीं था।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए पत्रकार राम मुरारी ने डॉ. मिश्र के धरोहर प्रेम और आम लोगों को संग्रहालय से जोड़ने के प्रयासों की सराहना की। इस मौके संग्रहालय कर्मियों ने डॉ. मिश्र को पुष्पमाला, अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानपूर्वक विदाई दी। समारोह में कैथी लिपि विशेषज्ञ कल्पना कुमारी, मोहम्मद आशिक, रामरूप ठाकुर, अभिषेक चौबे, अभिनंदन कुमार, अनिकेत कुमार, विमल यादव, आरके तिवारी, भोला पासवान, जीतेंद्र आजाद, बिलट पासवान, श्याम कुमार, मोहम्मद हुसैन, अभिषेक कुमार, झूना, राजकुमार, ओम प्रकाश, मुन्नी देवी सहित अन्य कर्मचारियों ने भी डॉ. मिश्र के कार्यों की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।



























































































