कृषि वैज्ञानिक डॉ. रामकेवल ने बताए नुकसान और बचाव के उपाय बक्सर खबर। मोंथा चक्रवाती तूफान के असर से पिछले दो दिनों से जिले में लगातार रिमझिम बारिश हो रही है। इस अनवरत वर्षा ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खेतों में पानी भर गया है, जिससे धान, सब्ज़ी और रबी फसलों पर बुरा असर पड़ रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र के अनुसार अब तक केवीके केंद्र पर 67 मिमी और कुकुढ़ा में 41 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. रामकेवल ने बताया कि यह बारिश किसानों के लिए राहत से ज्यादा परेशानी लेकर आई है। धान की कटाई, सुखाई और बंधाई में दिक्कतें बढ़ गई हैं, वहीं सब्जियों में रोगों का प्रकोप भी तेजी से फैलने लगा है।
डॉ. रामकेवल ने बताया कि लगातार नमी और ठंडे वातावरण से गोभी, मिर्च और टमाटर में फफूंद एवं जीवाणु जनित गलका रोग और झुलसा जैसी बीमारियां फैल रही हैं। ऐसे मौसम में खेतों में पानी का जमाव सब्जियों के लिए जहर साबित होता है। किसान सतर्क रहें और समय पर दवा का छिड़काव करें। एक सप्ताह के भीतर बोई गई सरसों की फसल को नुकसान पहुंचा है। वहीं चना, मसूर, मटर, धनिया और आलू की बुवाई में भी देरी होना स्वाभाविक बताया गया है। डॉ. रामकेवल की सलाह- खेतों से पानी तुरंत निकालते रहें। मणाई किए गए धान को ढंककर रखे। गोभी, मिर्च, टमाटर में झुलसा रोग दिखाई देने पर कार्बेन्डाजिम + मैन्कोजेब 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। गलका रोग दिखने पर कॉपपर ऑक्सीक्लोराइड 30 ग्राम + स्ट्रेपटोसाइक्लिन 1 ग्राम को 10 लीटर पानी में घोलकर पत्तियों व जड़ के पास छिड़काव करें।

































































































