– वायरल वीडियो के कारण एसपी ने उठाया कदम, सच्चाई पर उठ रहे सवाल
बक्सर खबर। पशुओं को लेकर जा रहे पिकअप वाहन से पुलिस कर्मियों ने नजराना क्या थामा। वह उनके गले की हड्डी बन गया। ऐसा करते किसी ने उनका वीडियो बना लिया। कुछ पत्रकारों ने उसे प्रशासन को सौंपा और फिर क्या था। मामले ने इतना तूल पकड़ा की चौबीस घंटे के अंदर इसकी जांच हुई और दोषी पुलिस कर्मी आज रविवार को निलंबित कर दिए गए। इसका विधिवत प्रेस नोट जारी कर दिया गया है। जिसमें कहा गया है। वीडियो के सत्यता की जांच एसडीपीओ सदर से कराई गई। प्रथम दृष्टया यह मामला सत्य पाया गया।
जिसको आधार बनाते हुए एसपी ने सभी पुलिसकर्मियों और चालक पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। साथ ही इस आरोप में सहायक अवर निरीक्षक जुही कुमारी, सिपाही राज कुमार यादव व राम दुलार सिंह को निलंबित कर पुलिस लाइन भेज दिया गया है। संभवत: चालक निजी था। इस वजह से उसके खिलाफ बात प्राथमिकी तक ही सीमित है। लेकिन, अब मामले का विस्तृत अनुसंधान होगा। क्योंकि इन सभी के खिलाफ नगर थाने में ही प्राथमिकी दर्ज की गई है। लेकिन, वीडियो को लेकर डीएसपी द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट पर सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि जो कार्रवाई हुई है। उसमें उन लोगों के ऊपर भी गाज गिरी है। जो इसमें दोषी नहीं, अथवा जिनका इसमें वास्ता नहीं है।
अपने यहां एक कहावत है। नया दरोगा, नया दिवान, मामला बिगड़े सांझ-बिहान। इस घटना में कुछ ऐसी ही स्थिति बनी है। यह कार्रवाई भले ही आज हुई है। लेकिन, मामला तीन-चार पहले का है। वीडियो सदर अस्पताल के समीप स्थित ठोरा पुल का है। जिसमें पुलिस वाहन का चालक व पिकअप चालक के मध्य कुछ लेनदेन होता दिख रहा है। लेकिन, खाकी की नौकरी और तलवार की धार की तरह होती है। जरा ही चूक हुई नहीं की बाजी पलट जाती है। लेकिन, किसी के साथ गलत न हो, इसका जिम्मा भी इंसाफ करने वालों के ऊपर होता है। अब देखना है, इस मामले कितने बेगुनाह फंसते हैं।


































































































