चुनावी मुद्दा जो खामोश हो गया, किसी ने नहीं पूछा, कॉलेज बना है, फैक्ट्री लगी है

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– फिलहाल सबड़े बड़ा मुद्दा जमीन का अधिग्रहण, कैसे बदलेगा भविष्य
बक्सर खबर। इस बार चुनाव में एक मुद्दा बक्सर में दम तोड़ता नजर आया। खासकर सरकार को कोसने वाले मंच से इसकी बात करते नजर नहीं आए। अलबत्ता कुछ ऐसे जरुर मिले। जो सड़क बनवाने में सफल नहीं हो सके। लेकिन, फैक्ट्री लगाने का दावा करते नजर आए। हम बात कर रहे हैं, उस चुनावी मुद्दे की जो वर्षो से बिहार में जुमले की तरह इस्तेमाल होता रहा है। रोजगार के सुई की फैक्ट्री नहीं लगी। लेकिन, अपने जिले में पिछले दस वर्ष के दौरान बड़ा बदलाव हुआ है।   फैक्ट्रियां भी लगी हैं और कॉलेज भी बने हैं। अगर बात बक्सर की करें तो यहां महदह में इंजीनियरिंग कॉलेज, इटाढ़ी में पॉलिटेकनिक कॉलेज खुला। कमजोर व पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए बड़े छात्रावास भी।

रहीं बात फैक्ट्री की तो चौसा के थर्मल ने जो सरकार का हाल किया है। वह आने वाले कुछ समय में भूमि अधिग्रहण करने से पहले कई बार सोचने का मजबूर करेगा। लेकिन, डुमरांव में जरूर तीन फैक्ट्रियां इस समय अंतराल में प्रारंभ हुई है। पेप्सी, कोला और एनेथनॉल। एक फैक्ट्री फिलहाल रघुनाथपुर में निर्माणाधीन है। बात शिक्षा की करें तो यहां कृषि कॉलेज खुला है। मेडिकल कॉलेज का निर्माण चल रहा है। उस्ताद के नाम पर संगीत महाविद्यालय की नींव भी रखी गई है। ऐसे में इस बार यह दो मुद्दे खामोश रहे। हालांकि न जनता खामोश है, न आरोप प्रत्यारोप करने वाले।

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