38 साल की बेदाग सेवा के बाद मैनेजर प्रसाद वर्मा सम्मान के साथ विदा बक्सर खबर। “सेवानिवृत्ति किसी सरकारी सेवक के जीवन का अंत नहीं, बल्कि एक नए अध्याय की शुरुआत होती है।” यह बातें प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह ने न्यायालय के वरिष्ठ कर्मचारी मैनेजर प्रसाद वर्मा के सेवानिवृत्ति के मौके पर आयोजित सम्मान समारोह में कहीं। जिला जज ने कहा कि श्री वर्मा जैसे कर्मठ और अनुशासित कर्मचारी का कार्यकाल सभी के लिए प्रेरणा है। उन्होंने जानकारी दी कि वर्मा जी के सभी सेवानिवृत्ति लाभों को समय पर निष्पादित करने का निर्देश दिया गया है।
कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश मनोज कुमार ने कहा कि श्री वर्मा ने 38 वर्षों तक ईमानदारी, निष्ठा और समर्पण के साथ न्यायालय की सेवा की है। यह अपने आप में गर्व की बात है और अन्य कर्मचारियों के लिए एक मिसाल है। मुंसिफ नेहा त्रिपाठी ने भावुक शब्दों में कहा कि श्री वर्मा हमेशा अनुशासन में रहते थे और उनके चेहरे की मुस्कान पूरे न्यायिक परिवार को प्रेरित करती थी। उनके जाने से एक कर्तव्यनिष्ठ और मिलनसार साथी की कमी सभी को खलेगी। नाजिर संतोष कुमार द्विवेदी ने कहा कि श्री वर्मा ने हमेशा उच्च मर्यादा के साथ न्यायालय की सेवा की और अधीनस्थ कर्मचारियों को सम्मान देना उनकी कार्यशैली का हिस्सा रहा। यह हम सभी के लिए गौरव की बात है।
इस मौके पर जिला न्यायाधीश ने श्री वर्मा को अंगवस्त्र, श्रीफल और धार्मिक पुस्तकें भेंट कर उनका सम्मान किया और उनके सुखद, सफल और आध्यात्मिक जीवन की कामना की। कार्यक्रम में न्यायिक अधिकारियों के साथ राजीव कुमार श्रीवास्तव, मृत्युंजय सुनील कुमार चक्रवर्ती, धनंजय तिवारी, दीपक कुमार गुप्ता, नायब नाजिर कृष्णा नंद जायसवाल, देवाकांत पासवान, अरशद यूसुफ, आशीष रंजन, ननंजय कुमार, शैलेश ओझा, श्रवण कुमार, श्रेय कुमार, अमिताभ कुमार श्रीवास्तव, अनीश खान, रोहित चक्रवर्ती, फिरोज खान, केदार पांडेय आदि मौजूद रहे।