न्याय के मंदिर में योग का संगम: न्यायालय परिसर में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

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–जिला एवं सत्र न्यायाधीश की मौजूदगी में हुआ योग सत्र, न्यायिक अधिकारियों और अधिवक्ताओं ने लिया भाग                                                                     बक्सर खबर। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जिला न्यायालय परिसर में शनिवार को एक विशेष योग एवं ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। इस आयोजन में जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह सहित न्यायिक सेवा से जुड़े तमाम अधिकारी, अधिवक्ता और न्यायालय कर्मी उत्साहपूर्वक शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ की प्रशिक्षिका व समाजसेवी वर्षा पांडेय ने किया। उन्होंने प्रतिभागियों को न केवल योगाभ्यास कराया बल्कि जीवन में योग के वैज्ञानिक, मानसिक और आध्यात्मिक पहलुओं की व्याख्या भी सहज भाषा में की।

इस सत्र में खासतौर पर उन योग तकनीकों पर जोर दिया गया, जो न्यायिक कार्यों के दौरान उत्पन्न मानसिक दबाव को कम करती हैं। प्राणायाम और ध्यान की विधियों के माध्यम से एकाग्रता, धैर्य और त्वरित निर्णय क्षमता बढ़ाने पर विशेष फोकस रहा।योग प्रशिक्षिका वर्षा पांडेय ने कहा, “योग सिर्फ शरीर को लचीला बनाने तक सीमित नहीं है, यह विचारों को साफ, मन को शांत और हृदय को संवेदनशील बनाने की साधना है। जब मन स्थिर होता है, तभी न्याय निष्पक्ष हो पाता है।”

विशेष योग एवं ध्यान सत्र में शामिल न्यायिक अधिकारी व अधिवक्ता

जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह ने अपने संबोधन में योग को न्यायिक कार्यप्रणाली के लिए बेहद लाभकारी बताया। उन्होंने कहा, “योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य, बल्कि मानसिक स्पष्टता और कार्य के प्रति सजगता का माध्यम भी है। इस तरह के आयोजन न्यायिक व्यवस्था में सकारात्मक ऊर्जा भरते हैं।” सभी प्रतिभागियों को आयोजन के अंत में योग सहभागिता प्रमाणपत्र भी प्रदान किए गए। कार्यक्रम के बाद न्यायिक अधिकारियों और अधिवक्ताओं ने भी इस सत्र को मानसिक तनाव को दूर करने वाला और नई ऊर्जा देने वाला अनुभव बताया।

 

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