वोट के अधिकार पर हमला नहीं सहेंगे

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11 दस्तावेज की शर्त तुगलकी फरमान है: आइसा-आरवाईए, राज्यभर में मनाया आक्रोश दिवस        बक्सर खबर। “मताधिकार बचाओ, लोकतंत्र बचाओ” के नारे के साथ आइसा और आरवाईए ने सोमवार को राज्यव्यापी आक्रोश दिवस मनाया। शहर में प्रदर्शन ज्योति प्रकाश चौक के पास हुआ, जहां बड़ी संख्या में छात्र-युवा जुटे। कार्यक्रम का संचालन आइसा नगर अध्यक्ष अखिलेश ठाकुर ने किया। उन्होंने कहा कि बिहार का पढ़ा-लिखा बेरोजगार युवा दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहा है और अब वोट देने का अधिकार भी छीना जा रहा है। इलेक्शन कमीशन की यह नई व्यवस्था गरीबों, मजदूरों और छात्रों को लोकतंत्र से बाहर करने की साजिश है। अगर 11 दस्तावेज दिखाना जरूरी है, तो सबसे पहले इलेक्शन आयोग के अधिकारी अपने कागज दिखाएं।

आरवाईए जिला संयोजक राजदेव सिंह और आइसा राज्य उपाध्यक्ष अनुप शर्मा ने कहा कि आधार कार्ड, वोटर आईडी, शैक्षणिक प्रमाण पत्र जैसे सरकारी दस्तावेज अब अमान्य करार दिए जा रहे हैं। बीएलओ के पास खुद कई दस्तावेज नहीं हैं, तो आम गरीब क्या करेगा? एक महीने के भीतर दस्तावेज जमा करने की शर्त सीधे-सीधे गरीबों, छात्रों, मजदूरों की वोटबंदी है।प्रदर्शनकारियों ने कहा कि 11 दस्तावेजों की यह शर्त गरीब, ग्रामीण, प्रवासी और वंचित तबकों के लिए एक दीवार खड़ी कर रही है। जो लोग रोजी-रोटी में ही उलझे हैं, वे इतनी जल्दी कागज कहां से लाएं?

ज्योति प्रकाश चौक के समीप प्रदर्शन करते छात्र नेता व अन्य

प्रदर्शन में नगर सचिव अंकित सिद्धार्थ, जिला सह सचिव विवेक कुमार, पवन भारती, गणेश, मिथुन, सुधीर, महफूज आलम, जीउत बिहारी, राजू जी, रामजी सिंह, राज करन सहित कई युवा शामिल रहे।

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