मेथोडिस्ट अस्पताल ने किया क्रिसमस का आगाज, झूम उठे लोग

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-अस्पताल परिवार के सदस्यों और बच्चों ने प्रस्तुत किए मनमोहक कार्यक्रम
बक्सर खबर। क्रिसमस का त्योहार पूरे विश्व में मनाया जा रहा है। आज रात इसका सिलसिला शुरू होगा। लेकिन, अपने जिले में इस त्योहार को सबसे पहले मनाया गया मेथोडिस्ट अस्पताल प्रताप सागर में। आइए नजर डालते हैं उस कार्यक्रम की एक झलक पर। देवदूत धरती पर आकर एक नवजात बच्चे का अभिनंदन कर रहे हैं। बड़े-बड़े राजा उपहार लेकर प्रभु के दर्शन के लिए आ रहे हैं। कुछ आम लोग कद्दू और खाने की चीजों के साथ प्रभु के दर्शन के लिए शामिल हो रहे हैं। यीशु के जन्म पर कुछ लोग गीत गा रहे हैं.. ये दृश्य प्रभु यीशु के जन्म के नाट्य मंचन का था।

जो मंगलवार को प्रतापसागर स्थित मेथोडिस्ट अस्पताल परिसर में क्रिसमस डे के आगाज के अवसर पर प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में कलाकारों द्वारा पारंपरिक कपड़ों में सजकर प्रभु यीशु के जन्म की पूरी कहानी को स्टेज पर उतार दिया। प्रभु के जन्म के वक्त पूरा हॉल शांत हो गया केवल स्टेज से आवाज आ रही थी। सभी दृश्य सजीव हो गए थे। इस दौरान अस्पताल अधीक्षक डॉ आरके सिंह ने क्रिसमस मैसेज देते हुए कहा कि प्रभु यीशु का जन्म धरती पर शांति, भाईचारे और सेवा के लिए हुआ था। समाज में एक शांतिपूर्ण वातावरण बनाना ही क्रिसमस का सबसे बड़ा संदेश है।

कार्यक्रम प्रस्तुत करते प्रतिभागी कलाकार

प्रभु ने हमारे बीच आदर्श जीवन को प्रस्तुत किया। अब ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम उसका पालन करें। उन्होंने कहा कि देश और दुनिया में जो हालात है उनसे मानवता बहुत निराश है। इस अशांति को दूर करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु का धरती पर आना प्रेम के प्रसार के लिए हुआ था। प्रेम बांटने से बढ़ता है। जिस प्रेम को हम बांटते है उसी को वापस पाते हैं। प्रभु ने हमें कुछ दिया इसलिए हमारी जिम्मेदारी है कि हम भी समाज को प्रेम और शांति दें। अंधकार को अंधकार से नहीं प्रकाश से खत्म किया जा सकता है।

क्रिसमस उत्सव में शामिल अस्पताल परिवार के सदस्य व बच्चे

वैसे ही नफरत को केवल प्रेम से खत्म किया जा सकता है। कार्यक्रम में गीत-संगीत में श्रोता डुबकी लगाते रहे। कलाकारों ने गीत-संगीत में अपनी प्रतिभा की प्रस्तुति कर खूब वाहवाही लूटी। कार्यक्रम के डायरेक्टर प्रदीप कुमार ने बताया कि मैरी व जोसेफ बेथलेहम की ओर जा रहे थे। रास्ते मे काफी भीड़-भाड़ थी। काफी मुश्किलों का बीच उस रात वे एक तबेले में रात गुजारी, जहां जीसस का जन्म हुआ और एक खूबसूरत तारा दिखाई दिया।

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