31 साल बाद न्याय: दुधीपट्टी हत्याकांड में चार दोषियों को उम्रकैद

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1993 के बहुचर्चित अशोक राय हत्याकांड में कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला, जुर्माना भी लगा                              बक्सर खबर। सिमरी थाना क्षेत्र के दुधीपट्टी गांव में जमीन विवाद को लेकर हुई मारपीट में जख्मी की इलाज के दौरान मौत के मामले में अदालत ने बड़ा और सख्त फैसला सुनाया है। गुरुवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-5 की अदालत ने इस बहुचर्चित मामले में चारों अभियुक्तों को हत्या का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही प्रत्येक अभियुक्त पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। अपर लोक अभियोजक शेषनाथ सिंह और अनिल सिंह ने बताया कि यह घटना 11 अगस्त 1993 की है। सिमरी दुधीपट्टी निवासी अशोक कुमार राय अपने दरवाजे पर बैठे थे

तभी अचानक रामप्रवेश राय समेत अन्य आरोपी वहां पहुंचे और गाली-गलौज करते हुए लाठी-डंडे व हरवे-हथियार से हमला कर दिया। हमले में अशोक राय गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल अशोक राय का इलाज चल रहा था। इसी दौरान 13 अगस्त 1993 को उनका बयान दर्ज किया गया, लेकिन बाद में इलाज के क्रम में उनकी मौत हो गई। इसके बाद मामले में सिमरी थाना में एफआईआर दर्ज की गई। मामले में रामप्रवेश राय, रामाश्रय राय, रामपुकार राय तीनों पिता- केदारनाथ राय तथा समरेन्द्र पांडेय उर्फ सतीश राय पिता- सुभाष राय, सभी निवासी सिमरी दुधीपट्टी को अभियुक्त बनाया गया था। अदालत ने साक्ष्य और गवाहों के आधार पर चारों को दोषी करार दिया।

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