यूनुस से नोबेल शांति पुरस्कार वापस लेने की मांग, नगर भ्रमण कर जताया विरोध बक्सर खबर। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे बर्बर अत्याचार के विरोध में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को सड़कों पर उतरकर जबरदस्त प्रदर्शन किया। शहर के गोलंबर स्थित हनुमान मंदिर से शुरू हुआ यह आक्रोश मार्च मुख्य मार्गों से होते हुए मॉडल थाना पहुंचा, जहां बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस का पुतला दहन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विहिप के जिलाध्यक्ष सिद्धनाथ मिश्र ने दीपचंद दास की हत्या का जिक्र करते हुए इसे मानवता पर कलंक बताया। उन्होंने कहा कि दीपचंद दास को पहले ईशनिंदा के झूठे आरोप में पकड़ा गया और फिर पुलिस ने उन्हें कट्टरपंथियों की भीड़ के हवाले कर दिया। भीड़ ने न सिर्फ उनकी पीट-पीटकर हत्या की, बल्कि शव को पेड़ से लटकाकर आग लगा दी।
प्रदर्शनकारियों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय और विश्व बिरादरी से अपील की है कि मोहम्मद यूनुस से उनका नोबेल शांति पुरस्कार तुरंत वापस लिया जाए। वक्ताओं ने कहा कि जब से यूनुस ने बांग्लादेश की कमान संभाली है, वहां शांति के बजाय केवल अशांति, हत्याएं और लूटपाट हो रही है। कट्टरपंथियों को खुली छूट देकर शरीयत कानून थोपने की कोशिश की जा रही है, जो अल्पसंख्यकों के अस्तित्व के लिए खतरा है। आक्रोश मार्च के दौरान वक्ताओं ने याद दिलाया कि बांग्लादेश कभी भारत का ही हिस्सा था और इसके निर्माण में भारत की अहम भूमिका रही है। उन्होंने चिंता जताई कि वहां हिंदुओं की घटती जनसंख्या और बढ़ती कट्टरता के कारण आज मां-बहनों की अस्मत सुरक्षित नहीं है और उनके घरों को जलाया जा रहा है।

यह विरोध मार्च गोलंबर हनुमान मंदिर से चलकर मुख्य मार्ग, ठठेरी बाजार, पीपी रोड और रामरेखा घाट होते हुए मॉडल थाना चौक पर समाप्त हुआ। पूरे रास्ते कार्यकर्ता बांग्लादेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। इस कार्यक्रम में प्रांत सत्संग प्रमुख कन्हैया जी पाठक, विभाग मंत्री संजय राय, मंत्री ईश्वर दयाल, सह मंत्री सुशील राय, अवधेश पांडेय, नगर अध्यक्ष अरविंद सिंह, बजरंग दल सह संयोजक अमित पांडे सहित निर्मल सिंह, विकास मिश्रा, अविनाश जी, गौरव जी और विहिप-बजरंग दल के कार्यकर्ता एवं स्थानीय नागरिक उपस्थित थे।





























































































