बक्सर में गंगा उफान पर: 22 गांवों में बाढ़ का कहर, प्रशासन ने चलवाईं 29 नावें

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खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा, गांवों का टूटा सड़क संपर्क, बढ़ने लगा है जलस्तर                                    बक्सर खबर। जिले में गंगा नदी की बाढ़ ने एक बार फिर लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार मंगलवार दोपहर 2 बजे गंगा का जलस्तर 60.80 मीटर पर पहुंच गया, जो कि खतरे के निशान 60.32 मीटर से लगभग आधा मीटर ऊपर है। अनुमान है कि शाम 5 बजे तक जलस्तर 60.85 मीटर तक पहुंच सकता है। सुबह 8 बजे से हर घंटे जलस्तर में एक सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के कुल 5 अंचलों की 11 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं। 22 गांवों में पानी भरने से जनजीवन प्रभावित हो गया है। इन गांवों का सड़क संपर्क पूरी तरह टूट चुका है।

सिमरी अंचल में सबसे अधिक पांच पंचायतें प्रभावित हुई हैं, जहां कुल 12 नावों का परिचालन कराया जा रहा है। यहां गंगौली, राजापुर, राजपुर परसंपाह, नियाजीपुर और राजपुर कलां पंचायतों के डेरों और टोले जलमग्न हो गए हैं। सदर प्रखंड के छोटका नुआंव और करहंसी पंचायतें प्रभावित हैं। गोविंदपुर, मिल्किया, योगियां और लरई गांवों में पानी भर गया है। करहंसी पंचायत के योगियां गांव में पशुओं के रख-रखाव के लिए 276 पॉलिथीन शीट्स का वितरण किया गया है। यहां कुल 3 नावें चलाई जा रही हैं। चौसा प्रखंड के बनारपुर और सिकरौल पंचायतें प्रभावित हैं। कुल 4 नावें चलाई जा रही हैं। ब्रह्मपुर अंचल के उत्तरी नैनीजोर पंचायत के दाबी और गजाधर डेरा में बाढ़ का असर है। 6 नावें तैनात हैं। चक्की अंचल के जवही दियर पंचायत के वार्ड नंबर 6 और 7 बाढ़ से घिरे हैं। 4 नावों की मदद ली जा रही है। इटाढ़ी अंचल में स्थिति सामान्य है।

बक्सर किला व रामरेखा घाट प्रक्षेत्र बाढ़ के पानी में जलमग्न

जिला प्रशासन की ओर से 29 नावों का परिचालन कराया जा रहा है ताकि बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोगों की आवाजाही सुनिश्चित की जा सके। प्रभावित गांवों में राहत सामग्री और पॉलिथीन शीट्स का वितरण किया जा रहा है। प्रशासन सतर्क है और स्थिति पर नजर बनाए हुए है।

गंगा का जलस्तर (5 अगस्त 2025):

सुबह 8 बजे: 60.74 मीटर

10 बजे: 60.76 मीटर

दोपहर 12 बजे: 60.78 मीटर

दोपहर 2 बजे: 60.80 मीटर

शाम 5 बजे तक अनुमानित: 60.85 मीटर

खतरे का निशान: 60.32 मीटर

जिले में गंगा की उफान भरी धारा ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। प्रशासन मुस्तैदी से राहत कार्य चला रहा है, लेकिन जलस्तर लगातार बढ़ने से चुनौती भी बढ़ती जा रही है। जरूरत है कि लोग सतर्क रहें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।

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