फाउंडेशन स्कूल के नन्हे लेखकों ने रची प्रकृति से साक्षात्कार की गाथा, अतिथियों ने सराहा

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33 छात्रों और 11 शिक्षकों के अनुभव बने पुस्तक Tryst with Nature, भव्य समारोह में हुआ विमोचन                       बक्सर खबर। इटाढ़ी रोड, गुरुदास मठिया स्थित फाउंडेशन स्कूल में आयोजित एक गरिमामयी समारोह के दौरान बच्चों और शिक्षकों द्वारा लिखित पुस्तक TRYST WITH NATURE का भव्य विमोचन किया गया। यह आयोजन केवल एक पुस्तक का लोकार्पण नहीं, बल्कि बच्चों की रचनात्मकता, प्रकृति के प्रति उनकी संवेदनशीलता और अनुभवात्मक शिक्षा का जीवंत प्रमाण बनकर उभरा। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डीडीसी सह प्रभारी डीएम निहारिका छवि रहीं। विशिष्ट अतिथि के रूप में नगर परिषद चेयरमैन कमरुन निशा और विद्यालय के मेंटॉर राजेश्वर मिश्रा उपस्थित रहे। दीप प्रज्वलन और स्वागत गान के साथ कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ प्रधानाचार्य मनोज त्रिगुण द्वारा किया गया। प्रधानाचार्य ने बताया कि इस पुस्तक में 33 विद्यार्थियों और 11 शिक्षकों के सामूहिक अनुभवों को संजोया गया है। अक्टूबर माह में देहरादून यात्रा के दौरान विद्यार्थियों ने ‘बादल फटने’ जैसी प्राकृतिक आपदा को प्रत्यक्ष रूप से देखा। बच्चों ने न केवल आपदा की विभीषिका को साझा किया, बल्कि पीपीटी के माध्यम से उसके वैज्ञानिक कारणों और संभावित समाधानों पर भी अपनी राय रखी।

कार्यक्रम के दौरान सभी विद्यार्थियों ने एक-एक कर अपनी पीपीटी प्रस्तुत की। उन्होंने यात्रा के अनुभव, सीखी गई बातें और भविष्य में सुधार के सुझाव प्रभावशाली ढंग से साझा किए। यह पूरा आयोजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, कोठारी आयोग की सिफारिशों और बंडूरा के सामाजिक अधिगम सिद्धांत को साकार करता नजर आया। डीडीसी सह प्रभारी जिलाधिकारी निहारिका छवि ने कहा कि बच्चे वास्तविक परिस्थितियों से जो सीखते हैं, वह जीवन भर उनके साथ रहता है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि हर बच्चा एक दीपक की तरह होता है, जो अपनी रोशनी से न सिर्फ खुद बल्कि पूरे राष्ट्र को उजाला दे सकता है। चेयरमैन कमरुन निशा ने विद्यार्थियों की इस रचनात्मक पहल की सराहना करते हुए विद्यालय परिवार को शुभकामनाएं दीं और ऐसे प्रयासों को समय की जरूरत बताया।

फोटो – कार्यक्रम में छात्राओं द्वारा प्रस्तुत भारतीय नृत्य में बिहार और उत्तराखंड की सांस्कृतिक झलक

कार्यक्रम में कक्षा तीन और चार की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत भारतीय नृत्य में बिहार और उत्तराखंड की सांस्कृतिक झलक देखने को मिली, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। गणित शिक्षक रामायण राय ने शैक्षणिक भ्रमण के अनुभव साझा करते हुए कहा कि ऐसी गतिविधियां बच्चों में रचनात्मकता और सामाजिक जिम्मेदारी को मजबूत करती हैं। स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप पाठक ने विद्यालय के शैक्षणिक और रचनात्मक प्रयासों को अन्य स्कूलों के लिए प्रेरणास्रोत बताया। कार्यक्रम के अंत में अकादमिक एक्सीलेंस हेड डॉ. एसके दुबे ने सभी अतिथियों, अभिभावकों और विद्यार्थियों का धन्यवाद किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अनिल ओझा, अजय तिवारी, अविनाश पाठक, फराज खान, मीना श्रीवास्तव, बंदना कुमारी, अनुपमा पाठक, भारती देवी, अनीता सिंह, संजीव सिंह, मिथिलेश कुमार, राजीव पाठक, अमित कुमार सहित सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं का योगदान सराहनीय रहा।

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