-मौके पर पहुंचे डीएम व एसडीएम ने की मध्यस्थता, डेढ़ माह का दिया गया समय
बक्सर खबर। चौसा में बन रहे थर्मल पावर के गेट पर धरना दे रहे किसानों को मंगलवार की शाम वहां से हटा दिया गया। मौके पर पहुंचे डीएम अंशुल अग्रवाल ने स्वयं किसानों से बात की। हालांकि दो दिन पहले भी उन्होंने किसानों और धरना देने वालों से बात की थी। लेकिन, आज मंगलवार को उच्च न्यायालय ने एसजेवीएन कंपनी द्वारा याचिका की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया कि गेट बंद करने वालों को वहां से हटाया जाए। क्योंकि इससे काम प्रभावित हो रहा है। किसी का दरवाजा बंद करने की किसी को अनुमति नहीं है।
न्यायालय के सख्त आदेश के बाद अपराह्न चार बजे अधिकारियों का दल चौसा पहुंचा। पहले धरना देने वालों से एसडीएम धीरेंद्र कुमार मिश्रा ने बात की। लेकिन, वे लोग अपनी मांगों की फेहरिस्त लेकर प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत हुए। जिसमें मुआवजे के इत्तर आरएनआर पालिसी, थर्मल तक आने वाले रेल व पानी के पाइप लाइन का रूट बदलने व पूर्व में थर्मल के लिए हुए भूमि अधिग्रहण में अनियमितता की बात उठाई। प्रशासन व एसजेवीएन के लोगों ने उन्हें लिखित आश्वासन दिया कि जो वाजिब मांगे हैं। उसपर विचार किया जाएगा। 19 को पूर्व से बैठक प्रस्तावित है, आप उसमें बात करें।
फिलहाल मौके से हट जाए। इस बात पर सहमति बन गई की अब किसान गेट पर धरना नहीं देंगे। इस संबंध में पूछने पर जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने कहा कि धरना समाप्त हो गया है। किसानों से बात हुई है, उनकी मांगों का यथा संभव हल निकाला जा रहा है। वहीं धरना देने वाले किसानों ने कहा कि हमारा धरना समाप्त नहीं हुआ है। स्थल परिवर्तन किया जाएगा। पूर्व में हम लोग मुर्हा बाबा के पास बैठते थे, वहां बैठेंगे। प्रशासन को हमने समस्या के समाधान के लिए डेढ़ माह का समय दिया है। अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो उसके उपरांत हम लोग प्रदर्शन करेंगे। हालांकि प्रशासन की मौजुदगी में एसजेवीएन कंपनी ने सभी प्रमुख मांगों पर सहमती जताई है, जो न्याय संगत हैं। किसान इसे अपनी जीत बता रहे हैं।


































































































