इंजीनियरिंग छात्रों को विशेषज्ञों ने बताए सफलता के सूत्र

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कॉलेज टू इंडस्ट्री संवाद में स्टार्टअप और एआई से आत्मनिर्भर बनने का आह्वान                                   बक्सर खबर। इटाढ़ी रोड स्थित राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय के परिसर में मंगलवार को भविष्य की तकनीक और करियर की संभावनाओं पर मंथन हुआ। कॉलेज के स्टार्टअप सेल द्वारा बीटेक के छात्र-छात्राओं के लिए कॉलेज टू इंडस्ट्री विषय पर एक विशेष संवाद सत्र का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य इंजीनियरिंग के छात्रों को किताबी ज्ञान से आगे बढ़ाकर उद्योग जगत की वास्तविक जरूरतों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया से रूबरू कराना था। कार्यक्रम की शुरुआत संस्थान के प्राचार्य प्रो. डॉ. राम नरेश राय द्वारा मुख्य वक्ता का स्वागत कर की गई। छात्रों को प्रेरित करते हुए प्राचार्य ने कहा कि आज के दौर में केवल डिग्री हासिल कर लेना सफलता की गारंटी नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा, तकनीकी शिक्षा का असली मकसद नवाचार और उद्यमिता के जरिए खुद को सशक्त बनाना है। उन्होंने छात्रों से एआई जैसी आधुनिक तकनीकों को सीखने और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में अपनी भूमिका निभाने की अपील की।

मुख्य वक्ता और स्टार्टअप इकोसिस्टम विशेषज्ञ गोकुल ओझा ने सत्र के दौरान छात्रों के सामने भविष्य का खाका पेश किया। उन्होंने बताया कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस न केवल नौकरियों के स्वरूप को बदल रहा है, बल्कि नए स्टार्टअप्स के लिए अपार संभावनाएं भी पैदा कर रहा है। ओझा ने छात्रों को इंडस्ट्री-रेडी बनने के टिप्स दिए और समझाया कि एक आइडिया को सफल बिजनेस में कैसे बदला जाता है। सत्र के अंत में प्रश्नोत्तर दौर चला, जिसमें छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। एआई से नौकरियों पर पड़ने वाले प्रभाव और स्टार्टअप शुरू करने की चुनौतियों पर छात्रों के सवालों का विशेषज्ञों ने विस्तार से जवाब दिया। इस महत्वपूर्ण आयोजन में स्टार्टअप नोडल अधिकारी डॉ. गौरव, डीन अकादमिक डॉ. अंजनी कुमार तिवारी, स्टार्टअप फैकल्टी सदस्य डॉ. रीना कुमारी व विद्या रश्मि, और कंप्यूटर साइंस विभागाध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर सहित अन्य शिक्षक व कर्मचारी उपस्थित रहे।

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