कालाजार के खिलाफ डोर-टू-डोर जंग

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चार गांवों में आशा कार्यकर्ताओं की खोजी मुहिम, 15 जून तक चलेगा जागरूकता अभियान                  बक्सर खबर। जिले में कालाजार उन्मूलन की दिशा में जिला स्वास्थ्य समिति ने कमर कस ली है। सदर प्रखंड के बड़का नुआंव और चुरामनपुर पंचायत के चार प्रभावित गांवों बड़का नुआंव, गोप नुआंव, साहोपारा और पड़री में आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर कालाजार के संभावित मरीजों की पहचान कर रही हैं। यह खोज अभियान 15 जून तक चलेगा।गुरुवार को इस विशेष अभियान की शुरुआत जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेन्द्र कुमार और बीएचएम प्रिंस कुमार सिंह ने हरी झंडी दिखाकर की। मौके पर बीएचआई उदय कुमार, आशा फैसिलिटेटर माया देवी और आशा कार्यकर्ता मंजू देवी भी मौजूद थीं।

डॉ. शैलेन्द्र कुमार ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं की टीम न केवल मरीजों की पहचान कर रही है, बल्कि ग्रामीणों को कालाजार के लक्षण और उसके इलाज की जानकारी भी दे रही है। यदि किसी व्यक्ति में लक्षण मिलते हैं तो स्वास्थ्य विभाग की टीम घर जाकर जांच और इलाज की प्रक्रिया शुरू करती है।उन्होंने यह भी बताया कि कालाजार उन्मूलन की राह में पीकेडीएल यानी त्वचा का कालाजार एक बड़ी चुनौती है। यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति की त्वचा से फैल सकती है। इलाज के लिए 12 हफ्तों तक दवा लेनी होती है और इलाज पूरा होने पर मरीज को 4000 रुपए की आर्थिक सहायता भी दी जाती है।सरकार की इस पहल से ग्रामीणों में रोग के प्रति जागरूकता बढ़ रही है और समय रहते इलाज संभव हो पा रहा है।

 

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