– या तूफान के पहले की शांति दे रही कुछ और संकेत
बक्सर खबर। चंदन मिश्रा का अध्याय क्या सदा के लिए बंद हो गया? यह सवाल वे लोग कर रहे थे। जो मंगलवार को उसकी तेरहवीं में शामिल होने पहुंचे थे। जितने लोग उतनी बातें। जमावड़ा भी जबरदस्त था। 17 जुलाई की सुबह चंदन की हत्या पटना के निजी अस्पताल पारस में हुई थी। उसके बाद से कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं। पुलिस यह मान चुकी है। उसकी हत्या में भाड़े के अपराधियों को इस्तेमाल किया गया था।
इस घटना के दो मुख्य आरोपी तौसीफ खान (फुलवारी, पटना) व बलवंत सिंह बक्सर अब जेल में हैं। इनकी गिरफ्तारी से पुलिस को क्या पता चला। इसकी विधिवत जानकारी साक्षा नहीं की गई। लेकिन, चंदन मिश्रा की तेरहवीं संपन्न होने के साथ कुछ अटपटी बातें सुनने को मिल रही हैं। मसलन, तूफान से पहले की शांति, जैसी लोकोक्ति की तरफ। ऐसी स्थिति में अटकलों का दौर भी जारी है। लेकिन, कुछ सवाल ऐसे होते हैं! जिनका जवाब वक्त ही देता है।