डीएवी के नन्हे वैज्ञानिकों ने मॉडल्स के जरिए दिखाया भविष्य

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पर्यावरण संरक्षण और कृषि नवाचार रहे आकर्षण के केंद्र, अतिथियों ने बच्चों की सोच को सराहा                     बक्सर खबर। शहर के समीप लालगंज स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल के परिसर में वार्षिक संस्कृति, कला एवं विज्ञान प्रदर्शनी का भव्य आयोजन किया गया। बच्चों की रचनात्मक सोच, वैज्ञानिक समझ और सांस्कृतिक चेतना से सजी इस प्रदर्शनी ने अभिभावकों और अतिथियों का ध्यान अपनी ओर खींचा। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्राचार्य सह प्रक्षेत्र अधिकारी वी. आनंद कुमार ने की। प्रदर्शनी में मुख्य अतिथि के रूप में रोटरी अध्यक्ष डॉ. दिलशाद आलम मौजूद रहे। वहीं विशिष्ट अतिथियों में कृषि वैज्ञानिक डॉ. राम केवल तथा एमवी कॉलेज के विभागाध्यक्ष डॉ. सैकत देवनाथ शामिल थे। इसके अलावा बिहार जोन ज के विभिन्न विद्यालयों के प्राचार्यों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी खास बना दिया।

प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने विज्ञान, कला और संस्कृति से जुड़े एक से बढ़कर एक मॉडल, चार्ट और सृजनात्मक कृतियां प्रस्तुत कीं। विज्ञान खंड में पर्यावरण संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि नवाचार, स्वास्थ्य और तकनीक से जुड़े मॉडल खासे सराहे गए। वहीं कला एवं संस्कृति खंड में भारतीय परंपरा, लोक कला, ऐतिहासिक धरोहर और आधुनिक कला का सुंदर मेल देखने को मिला। मुख्य अतिथि डॉ. दिलशाद आलम ने बच्चों के प्रयासों की जमकर सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की प्रदर्शनी विद्यार्थियों में आत्मविश्वास, टीमवर्क और नेतृत्व क्षमता का विकास करती है। उन्होंने डीएवी पब्लिक स्कूल द्वारा पढ़ाई के साथ-साथ सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों को दिए जा रहे महत्व की भी प्रशंसा की। डॉ. राम केवल ने कहा कि विज्ञान प्रदर्शनी बच्चों को व्यवहारिक ज्ञान से जोड़ने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने कृषि और विज्ञान के क्षेत्र में नवाचार को समय की जरूरत बताया।

फोटो – बच्चों द्वारा प्रस्तुत मॉडल का अवलोकन करते अतिथि

वहीं डॉ. सैकत देवनाथ ने विद्यार्थियों की वैज्ञानिक सोच और रचनात्मक अभिव्यक्ति की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन भविष्य के कुशल वैज्ञानिक, कलाकार और जिम्मेदार नागरिक तैयार करते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य वी. आनंद कुमार ने सभी अतिथियों, शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि डीएवी स्कूल का उद्देश्य केवल शैक्षणिक सफलता नहीं, बल्कि विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना है। अंत में अतिथियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और बच्चों की उत्कृष्ट प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए उनका उत्साहवर्धन किया।

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