लंबित मांगों को लेकर सिविल कोर्ट कर्मियों का मौन विरोध

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वेतन, पदोन्नति और एसओपी पर नाराजगी, 16–17 को मास्क पहनकर करेंगे प्रदर्शन                                    बक्सर खबर। बिहार में सिविल कोर्ट कर्मचारियों की लंबे समय से अटकी मांगों को लेकर एक बार फिर आवाज उठने जा रही है। बिहार राज्य सिविल कोर्ट कर्मचारी संघ ने निर्णय लिया है कि 16 और 17 जनवरी को राज्यभर में कर्मचारी न्यायिक कार्य करते हुए मौन विरोध करेंगे। यह फैसला शुक्रवार को पटना में आयोजित संघ की राज्यस्तरीय बैठक में लिया गया। बैठक में कर्मचारियों की सेवा से जुड़ी कई अहम समस्याओं पर चर्चा हुई। संघ की ओर से बताया गया कि मानक संचालन प्रक्रिया का गठन, वेतनमान में संशोधन, समयबद्ध पदोन्नति और लंबित पदों पर प्रोन्नति जैसे मुद्दे वर्षों से अधर में लटके हुए हैं। संघ का कहना है कि वेतन पुनरीक्षण और पदोन्नति की मांगें करीब एक दशक से लंबित हैं, जिससे कर्मचारियों में लगातार असंतोष बढ़ रहा है।

संघ ने साफ किया कि इन सभी मांगों को लेकर पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को शीघ्र ही एक औपचारिक ज्ञापन सौंपा जाएगा, ताकि समस्याओं का जल्द समाधान निकल सके। संघ अध्यक्ष राजेश्वर तिवारी ने बताया कि 16 जनवरी 2025 को अधीनस्थ न्यायालय कर्मचारियों की राज्यव्यापी हड़ताल के दौरान पटना उच्च न्यायालय के चार न्यायाधीशों ने एक माह के भीतर समाधान का भरोसा दिलाया था, लेकिन एक साल बीतने के बाद भी कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया। मौन विरोध के दौरान कर्मचारी काले या संदेश लिखे मास्क पहनकर काम करेंगे। यह विरोध प्रदर्शन उनकी मांगों के प्रति बरती जा रही उदासीनता के खिलाफ एक शांतिपूर्ण और प्रतीकात्मक संदेश होगा।

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