26 अवैध कब्जे हटे, भूमिहीन परिवारों के पुनर्वास की पहल बक्सर खबर। सार्वजनिक जलस्रोतों के संरक्षण को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए चौसा प्रखंड के सिकरौल गांव स्थित ऐतिहासिक पोखरे को अतिक्रमण से मुक्त करा दिया। उच्च न्यायालय के निर्देश के आलोक में मंगलवार को विशेष अभियान चलाया गया, जिसमें वर्षों से जमे अवैध कब्जों को हटाकर पोखरे की जमीन को खाली कराया गया। इस कार्रवाई का मकसद सिर्फ सरकारी भूमि को मुक्त कराना ही नहीं, बल्कि गांव के प्रमुख जलस्रोत को दोबारा जीवित करना भी रहा। अभियान का नेतृत्व सीओ नीलेश कुमार ने किया। उनके साथ राजस्व अधिकारी उद्धव मिश्रा एवं राजपुर थानाध्यक्ष श्रीनिवास कुमार भारी पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद रहे। प्रशासनिक टीम पूरी तैयारी के साथ पहुंची और बुलडोजर की मदद से पोखरे की भूमि पर बनी झोपड़ियों और कच्चे आवासों को हटाया गया।
अधिकारियों ने बताया कि सिकरौल पोखरा सरकारी अभिलेखों में सार्वजनिक जलस्रोत के रूप में दर्ज है। इस पर निजी कब्जा पूरी तरह अवैध है। कुल 26 अतिक्रमणकारियों को पहले ही नोटिस देकर स्वेच्छा से कब्जा हटाने का मौका दिया गया था, लेकिन तय समय सीमा के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया गया, जिसके बाद प्रशासन को सख्त कदम उठाना पड़ा। अंचल पदाधिकारी ने बताया कि कार्रवाई के दौरान मानवीय पहलू का भी पूरा ध्यान रखा गया। जांच में 13 परिवार वास्तविक रूप से भूमिहीन पाए गए हैं, जिनके पुनर्वास के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रशासन ने साफ किया कि आगे भी जिले के सभी सार्वजनिक जलस्रोतों को अतिक्रमण मुक्त कराने का अभियान लगातार जारी रहेगा।






























































































