इंजीनियरिंग कॉलेज में एआई और साइबर सुरक्षा पर लिखी जा रही नई इबारत 

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देशभर के विशेषज्ञ कर रहे हैं भविष्य की तकनीकों पर मंथन                                                                      बक्सर खबर। इटाढ़ी रोड स्थित राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय में तकनीकी नवाचार और शोध की नई इबारत लिखी जा रही है। शुक्रवार से संस्थान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्मार्ट यूटिलिटी पर आधारित एक सप्ताहीय ऑनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आगाज हुआ। फ्रॉम ऑटोमेशन टू ऑटोनॉमी: एआई सिक्योरिटी फ्रेमवर्क फॉर स्मार्ट यूटिलिटी विषय पर केंद्रित यह कार्यक्रम आगामी 24 दिसंबर तक चलेगा। यह आयोजन विद्युत, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार तथा कंप्यूटर साइंस विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को स्मार्ट यूटिलिटी सिस्टम में एआई और साइबर सुरक्षा की बदलती भूमिका से अवगत कराना है। उद्घाटन सत्र में विद्युत विभागाध्यक्ष डॉ. उत्कर्ष राज ने रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि वर्तमान दौर में स्मार्ट प्रणालियों को सुरक्षित बनाना सबसे बड़ी चुनौती और आवश्यकता है।

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राम नरेश राय ने अपने स्वागत संबोधन में इस आयोजन को मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से शिक्षकों और शोधकर्ताओं को वैश्विक तकनीकी बदलावों के अनुरूप खुद को ढालने में मदद मिलती है। तकनीकी सत्रों की शुरुआत में एनआईटी जमशेदपुर के डॉ. रवि भूषण ने पवन ऊर्जा और सतत विकास पर अपना व्याख्यान दिया। वहीं, एमएनआईटी इलाहाबाद के डॉ. दीपक पुनेथा ने अगली पीढ़ी के सेल्फ-पावर्ड वेयरेबल सेंसिंग प्लेटफॉर्म्स और उनकी सुरक्षा प्रणालियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे सेंसर तकनीक भविष्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बदल सकती है। इस कार्यक्रम के सफल संचालन में डॉ. उत्कर्ष राज, सुरभि रानी, अमित कुमार, आकृति, डॉ. अंजनी तिवारी एवं अन्नपूर्णा वर्मा की टीम सक्रिय भूमिका निभा रही है। इसमें देश के विभिन्न प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों के संकाय सदस्य हिस्सा ले रहे हैं। आने वाले दिनों में स्मार्ट ग्रिड सुरक्षा और साइबर-फिजिकल सिस्टम्स जैसे ज्वलंत विषयों पर भी मंथन किया जाएगा।

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