घर से निकलें, मतदान करें, लोकतंत्र को सशक्त बनाएं: डॉ. दिलशाद

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मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय के बिहार प्रदेश सचिव ने कविता के जरिए जगाई लोकतंत्र की लौ                        बक्सर खबर। लोकतंत्र के इस महापर्व में हर नागरिक की भागीदारी को जरूरी बताते हुए मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय के बिहार प्रदेश सचिव डॉ. दिलशाद आलम ने 6 नवम्बर को लोगों से ज्यादा से ज्यादा मतदान करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि वोट सिर्फ एक अधिकार नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है, जिससे राज्य और देश की दिशा और दशा तय होती है।मशहूर चिकित्सक और सामाजिक सरोकार से जुड़े डॉ. आलम ने अपनी भावनाओं को कविता के जरिए व्यक्त किया।

उन्होंने कहा “समय की ये पुकार है, ये लोकतंत्र का पर्व है, थके न तू, मिटे न तू, तू वोट कर, तू वोट कर। कह रही ये दिशा, बदल दे तू दिशा, शक्तियों को पछाड़कर, तू वोट कर, तू वोट कर। देश हित की बात कर, कर्म की तू बात कर, याद कर लहू को तू, तू वोट कर, तू वोट कर।” उन्होंने कहा कि हर एक वोट का मूल्य अमूल्य है। मतदान से ही सशक्त सरकारें बनती हैं और देश आगे बढ़ता है। पिछले लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने इसी तरह अपनी कविता के जरिए लोगों को मतदान के लिए प्रेरित किया था, जिससे युवाओं और आम लोगों में खासा उत्साह देखा गया था।

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