– वादी को जेल भेजने का मामला, एसडीएम ने कहा परिस्थितिवश गया हवालात
बक्सर खबर। सदर अनुमंडल पदाधिकारी अविनाश कुमार के विरूद्ध अधिवक्ताओं ने बुधवार को केस दायर किया। हालांकि उनकी शिकायत अभी सिर्फ परिवाद भर है। मुकदमा पंजीकृत हुआ है या नहीं। यह स्पष्ट नहीं है। सूचना के अनुसार विवाद का कारण धारा 107 में एक आरोपी को जेल भेजा जाना है। जिसे अनुमंडल न्यायालय द्वारा 14 सितंबर को जेल भेज दिया गया था। उसकी जमानत लेने 16 सितंबर को अधिवक्ता धनजी सिंह अनुमंडल पदाधिकारी के समक्ष गए। जहां उनकी बहस अधिकारी से हो गई। जेल भेजे गए राम कुमार राम ग्राम इनरपुर, थाना सिकरौल की जमानत अधिवक्ता के आग्रह पर उस दिन नहीं हुई। क्योंकि एसडीएम ने मामले की जांच करने और रिकॉर्ड देखने की बात कह उन्हें टाल दिया।
अधिवक्ता द्वारा इसे गैर कानूनी बताते हुए इस धारा में किसी को जेल भेजने का अधिकार एसडीएम के पास नहीं होने की बात कही। जिसके कारण विवाद बढ़ा और एसडीएम ने अधिवक्ता के साथ मारपीट की। उनका गला दबाया, कागजात छीन लिए। ऐसे आरोप लगाए गए हैं। इसकी लिखित शिकायत अधिवक्ता ने बुधवार 17 सितंबर को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में दी गई है। इस संबंध में बात करने पर एसडीएम अविनाश कुमार ने बताया। यह सभी आरोप बेबुनियाद है। एक पुराने वाद में आरोपी राम कुमार राम पर वारंट जारी हुआ था। पुलिस ने उसे रविवार को सक्षम पदाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
उस दिन रविवार था और मैं किसी दूसरे कार्य से बाहर था। जिस पदाधिकारी के समक्ष आरोपी को प्रस्तुत किया गया। उनके सामने जमानतदार नहीं आए। इस वजह से परिस्थिति वश आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजना पड़ा। दो दिन बाद जब अधिवक्ता महोदय मेरे कार्यालय आए। हमने उनसे कागजात के अवलोकन उपरांत जमानत देने की बात कही। यह बात उनको नागवार गुजरी वे मेरे कार्यालय में हंगामा करने लगे। बात बस इतनी सी है, जिसे इस तरह परोसा जा रहा है। क्या आरोपी को जमानत मिलेगी ? उन्होंने कहा उस केस की रिपोर्ट मंगा ली गई है। उसे कल तक जमानत मिल जाएगी। रही बात न्यायालय में शिकायती आवेदन की तो अगर वहां से जवाब मांगा गया तो उसका आदर सहित जवाब दिया जाएगा।