बक्सर खबर (माउथ मीडिया) । सुने हैं सड़किया बन रही है। जब तक खराब थी। तब तक ए बात पर बहस हो रहा था। सरकार निकम्मा है। ओकर आंख खराब है। जनता परेशान है, कवनो ध्यान नहीं दे रहा है। कुछ मनई सब सरकार के दोष दे रहा था। कवनों डलब इंजन के नाम पर बकइती कर रहा था। लेकिन, अब सड़किया बने शुरू हो गया है। अइसन न है कि काम आजे लगा है। छह -सात महीना पहले से काम हो रहा था। लेकिन शहर से बाहर हो रहा था। अब अंदर काम लगा है। शहर में काम मतलब सड़क बंद। ए वजह से लोग बहुते परेशान हैं। लेकिन, हम इस सोच के परेशान हैं कि एहू सड़किया में कवनो नेता आपन बोर्ड न लगा देवे।
सुने हैं एगो अइसन नेता आ गवा है। बात जात-पात के करता है। और सड़क बनता कहीं देखता है त बोर्ड लेके पहुंच जाता है। भूगोल के पता नहीं है। कहता है इतिहास पढ़े हैं। यह शब्द हैं बतकुच्चन गुरु के। मैं सड़क पर निकला तो देखा चौक पर एक जगह गपिया रहे थे। मजे में एक नेता को धो रहे थे। कह रहे थे, ससुर अइसा जहर बो रहा है। कल तक जनता जे बलिदान करे वालन वीर के शहीद समझ के पूजे रही। ओके भी इस जात-पात में बांटे का जुगाड़ लगावे में जुटा है। बतकुच्चन गुरु की बातें सुन मैं मन ही मन हंसने लगा। और वहां से वापस अपने दफ्तर लौट आया। माउथ मीडिया : बक्सर खबर का साप्ताहिक व्यंग कालम है। जो प्रत्येक शुक्रवार को प्रकाशित होता है।































































































