छात्रों की आत्महत्या पर फूटा डॉक्टरों का दर्द, कैंडल मार्च निकाल जताया विरोध

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फीस के बोझ और शोषण को बताया आत्महत्या की वजह, उच्चस्तरीय जांच की मांग                                         बक्सर खबर। मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं द्वारा आत्महत्या करने की बढ़ती घटनाओं ने अब डॉक्टरों को भी झकझोर दिया है। रविवार की शाम जिले के कई डॉक्टरों ने स्टेशन रोड स्थित ज्योति प्रकाश चौक से वीर कुंवर सिंह चौक तक कैंडल मार्च निकालकर इस दर्दनाक सिलसिले पर विरोध जताया। मार्च की अगुवाई बिहार स्टेट डेंटल हेल्थ जनरल सेक्रेटरी डॉ. आशुतोष कुमार सिंह ने की। इस दौरान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और इंडियन डेंटल एसोसिएशन से जुड़े डॉक्टर भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

मार्च के बाद डॉ. एके सिंह ने कहा कि पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि मेडिकल कॉलेजों में फीस का अत्यधिक बोझ और मानसिक-शारीरिक शोषण के कारण छात्र आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं। यह स्थिति अत्यंत दुखद और चिंताजनक है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक फीस लेना गैरकानूनी है, बावजूद इसके कॉलेज मनमानी वसूली कर रहे हैं। इस पर तुरंत सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

कैंडल मार्च में शामिल डॉ दिलशाद आलम, डॉ आशुतोष कुमार सिंह व अन्य डॉक्टर

उन्होंने बताया कि इस गंभीर विषय पर सुप्रीम कोर्ट, इलाहाबाद हाई कोर्ट, जोधपुर हाई कोर्ट और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को विस्तृत ई-मेल भेजा गया है। इसमें इन मामलों की उच्चस्तरीय जांच कराने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। इस कैंडल मार्च में डॉ. दिलशाद आलम, डॉ. रंगनाथ तिवारी, डॉ. रितेश चौबे, डॉ. वीके सिंह, डॉ. अरुण कुमार, डॉ. श्रीनिवास उपाध्याय, डॉ. अंजन पांडेय, डॉ. विशाल तिवारी, डॉ. वरुण कुमार, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. खालिद रजा, डॉ. वेद प्रकाश समेत अन्य कई डॉक्टरों ने भाग लिया।

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