बक्सर खबर : रामरेखा घाट मार्केट में बुधवार को नया विवाद खड़ा हो गया। मठीया प्रबंधन ने हनुमान मंदिर के पास छत से सटे लोहे की सीढ़ी लगा दी। एक तरह मंदिर को भी नुकसान पहुंचाया दूसरी तरफ सड़क पर अतिक्रमण का जाल भी। इसको लेकर स्थानीय दुकानदारों ने इसका जमकर विरोध किया। लेकिन यह विरोध महज कुछ घंटो या सप्ताह भर का है। तस्वीर में दिख रहा नजारा रामरेखा घाट हनुमान मंदिर के पास है। इस कार्य पर प्रशासन को अंकुश लगाना चाहिए। यहां नीत हो रहे अतिक्रमण का यह और प्रमाण है। कुछ दिनों पहले तक लाइट एंड साउंड के पास एक छोटा मंदिर हुआ करता था। धीरे-धीरे पुजारी ने बड़ा चबुतरा बनाया। उसकी घेरा बंदी करानी चाही। यह वाकया लगभग पांच-छह वर्ष पहले का है। उस समय के तत्कालीन एसडीओ भानुप्रताप सिंह ने उस अतिक्रमण को तुड़वा दिया। उनके तबादले के बाद कुछ दंबंग लोगों ने मिलकर उसे पूरा घेर दिया। पंडित ने समझा उसकी कोठी बन गयी। कुछ वर्ष भी इसका सूख नहीं उठा पाया। पिछले साल जहर दे उनको मौत की नींद सूला दिया गया। यह अफवाह उनकी मौत के बाद फैली थी। अब वह मंदिर व परिसर कुछ दबंगों के कब्जे में है। यही हाल रामरेखा घाट सड़क किनारे बने कटरों का है। जिसे भी कटरा मिला। वह आगे और पीछे जमीन पर कब्जा जमाता चला जा रहा है। जरुरत है प्रशासन को इस पर कार्रवाई करने की। यहां का अवैध अतिक्रमण इतनी बड़ी समस्या बन चुका है। जब भी कार्रवाई होती है। रामरेखा घाट के दुकानदार चाहे वे कटरे वाले हों या फुटपाथी। हिंसा पर उतर आते हैं।































































































