बक्सर खबरः मुरार में लूट की घटना सुनते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। डुमरांव से लेकर सोनवर्षा तक की पुलिस एलर्ट हो गयी। चारों तरफ डुमरांव डीएसपी कमलापति सिंह के नेतृत्व में नाके बंदी की गई। इस हाई एलर्ट के तीन घंटे बीत चुके थे। परन्तु पुलिस को न तो लूट के बारे में कोई सुराग मिल रहा था। ना ही कोई गवाह पुलिस को निराशा हाथ लग रही थी। उसके बाद पुलिस पहुंची बरांव मोड़ घटना स्थल पर जहां लूट हुई थी। वहां लोगों से पुछताछ की तो पता चला कि उस समय तो यहां दर्जनों लोग मौजूद रहते है। परन्तु ऐसी कोई घटना हमें सुनने को नही मिली। फिर क्या पुलिस ने सीधे पीड़ित को पकड़ा पूछताछ की तो उसने स्वंय फर्जी लूट की कहानी बनाने की बात स्वीकार कर ली।
उसने अपने निजी काम के लिए इस तरीके की लूट की फर्जी कहानी बनाई। अपने केसठ के रहने वाले दोस्त को बुलाकर पैसे उसे दे दिया। मनु के बताये गये ठिकाने से पुलिस ने गौतम केसर के यहां से चालीस हजार रूपया बरामद कर लिया। इस तरह पुलिस ने मुरार लूट कांड का महज खुलासा महज चार घण्टे में कर लिया। थानाध्यक्षों की मानंे तो इस तरह के घटना को अंजाम देने वाले अपराधी फिलहाल जेल में है। इस छापेमारी में कोरानसराय थानाध्यक्ष नंदन कुमार सिंह, सोनवर्षा थानाध्यक्ष सुधीर कुमार, मुरार प्रभारी थानाध्यक्ष, नावानगर राजीव रंजन सिंह, बगेन थानाध्यक्ष श्रीमंत कुमार सुमन के थानाध्यक्षों के साथ लूट की जांच करने पहुंच गये। डुमरंाव डीएसपी कमलापति सिंह ने बक्सर खबर को बताया कि पीड़ित मनु कुमार ने आईटीआई में फीस जमा कराना था। जिसको लेकर उसे पैसे की जरूरत थी। इसके लिए उसने अपने दोस्त के साथ मिल कर अपराधिक लूट की योजना की फर्जी कहानी बना डाला। सिंह ने कहा कि इनके जेल भेजने को लेकर कप्तान उपेन्द्र शर्मा से बातचीत के बाद ही कोई फैसला लिया जायेगा।






























































































