आईआईटी पटना के निदेशक ने पांच दिवसीय कार्यशाला का किया शुभारंभ बक्सर खबर। इटाढ़ी रोड स्थित राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय में सोमवार को जलवायु अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र, आधारभूत संरचना, पर्यावरण और विद्युत प्रणाली विषय पर पांच दिवसीय कार्यशाला की शुरुआत हुई। इस कार्यशाला का आयोजन बिहार मौसम सेवा केंद्र के संयुक्त सहयोग से किया जा रहा है, जो 17 अक्टूबर तक चलेगी। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आईआईटी पटना के निदेशक प्रो. डॉ. टीएन सिंह उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में बिहार मौसम सेवा केंद्र के निदेशक डॉ. सीएन प्रभु, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, देहरादून के वैज्ञानिक डॉ. एचके साचन और आईआईटी वाराणसी के सह-प्राध्यापक डॉ. कमलेश कुमार पांडे मौजूद रहे।
मुख्य अतिथि प्रो. टीएन सिंह ने अपने संबोधन में जलवायु परिवर्तन और इसके बढ़ते प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने छात्रों से संवाद करते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ी को पर्यावरणीय संरक्षण और सतत विकास की दिशा में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। तकनीक और नवाचार के माध्यम से लचीली आधारभूत संरचना का निर्माण ही भविष्य की जरूरत है। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. राम नरेश राय ने अपने संबोधन में कहा कि जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित और अनुकूल आधारभूत संरचना का विकास अब आवश्यकता बन गया है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से कार्यशाला में सक्रिय भागीदारी का आग्रह किया। कार्यशाला के उद्देश्य और प्रारूप पर डॉ. अंजनी कुमार तिवारी, डीन अकादमिक, ने विस्तार से जानकारी दी। वहीं सह-प्राध्यापक डॉ. श्याम लाल ने संस्थान की विशेष पहल और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।

कार्यशाला के संयोजक डॉ. शैलेश कुमार, डॉ. जितेन्द्र प्रताप सिंह और डॉ. विक्रम कुमार हैं, जबकि डॉ. जीवेश उज्जवल, ने सह-समन्वयक के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पहले दिन के सत्र में डॉ. सीएन प्रभु, डॉ. कमलेश कुमार पांडेय और डॉ. विक्रम कुमार, वैज्ञानिक, बिहार मौसम सेवा केंद्र मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन प्रबंधन और पर्यावरणीय संतुलन पर अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम में शिक्षकों और विद्यार्थियों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया और कई महत्वपूर्ण प्रश्नों के माध्यम से चर्चा को आगे बढ़ाया। कार्यक्रम के अंत में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आरएन यादव ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। उन्होंने सभी अतिथियों, संयोजकों, विशेषज्ञों, शिक्षकों और विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया।