जरूरतमंद रूपेश के लिए खड़ा हुआ जिला प्रशासन …

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बक्सर खबर। अक्सर लोग कहते हैं। अधिकारी किसी की नहीं सुनते। लेकिन ऐसा नहीं है, सभी लोग हर समय एक तरह नहीं सोचते हैं। कुछ लोग जाति व धर्म की बात कर समाज में खाई पैदा करते हैं। हमें ऐसी भावना मन से निकालनी चाहिए। दो दिन पहले की बात है। नेत्रहीन युवक रुपेश राम बक्सर पहुंचा। उसका चयन रेलवे में सीनियर कलर्क के रुप में हुआ है। उसे लखनऊ जाकर ड्यूटी ज्वाइन करनी थी। वहां पहुंचा तो उसके पास प्रथम श्रेणी के दंड़ाधिकारी का हलफनामा नहीं था। दूसरा कागजात था लेकिन वह मान्य नहीं हुआ। वहां रेलवे ने उसे दो दिन की और मोहलत दी। राजपुर प्रखंड के बावनबांध गांव के युवक ने अपने पुराने साथी रामजी सिंह को याद किया।

वे लोग बुधवार को जिलाधिकारी राघवेन्द्र कुमार सिंह से मिले। उन्होंने कहा हलफनामा बनाने के लिए चरित्र प्रमाणपत्र की आवश्यकता होती है। आप लोगों के पास कितना समय है। रामजी और रुपेश ने बताया सिर्फ दो दिन। तीसरे दिन वहां पहुंचना है। डीएम ने तुरंत ही एसपी राकेश कुमार से बात की। एसपी ने युवक को अपने पास बुलाया। रुपेश रामजी एवं अन्य युवाओं के साथ एसपी कार्यालय पहुंचे। उन्होंने तुरंत डीएसपी को बुलाया और सारी कार्रवाई पूरी कर शाम तक चरित्र प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। ऐसा ही हुआ लेकिन हलफनामा तो बना ही नहीं। डीएम नावानगर व केसठ के दौरे पर चले गए थे। लेकिन जाते-जाते उन्होंने सदर एसडीओ के के उपाध्याय से बात कर ली थी। इतना होते-होते आठ बज चुके थे।

एसडीओ कार्यालय के बाहर रात के वक्त मौजूद रुपेश व रामजी

जैसे ही चरित्र प्रमाणपत्र मिला। युवकों ने एसडीओ को फोन किया। उन्होंने सभी को अपने आवास बुलाया। रात साढ़े आठ बजे हलफनामा पर हस्ताक्षर कराया। लेकिन, उस पर पत्रांक दिनांक व कार्यालय की शील लगानी थी। रात नौ बजे एसडीओ ने अपना कार्यालय खुलवाया। कागजी कार्रवाई पूरी कर हलफनामा उसे सौंप दिया गया। रुपेश ने रात दस बजे लखनउ जाने के लिए स्टेशन से ट्रेन पकड़ी। उसने रामजी सिंह सरफात हुसैन आदि को धन्यवाद दिया। वहीं रामजी सिंह व अन्य ने डीएम, एसपी व एसडीओ को इस कार्य के लिए धन्यवाद दिया। इस बीच आज सूचना मिली कि गुरुवार को ही रुपेश ने वहां योगदान कर लिया है। उसका हलफनामा वहां रेलवे ने स्वीकार कर लिया है।

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