पानी की एक-एक बूंद बचाने में जुटा है बक्सर का लाल

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बक्सर खबर: कल्पना करें उस वक्त का जब धरती के भीतर मौजूद पानी खत्म हो जाएगा। यह वक्त हमारे सिर पर खड़ा है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी कर दी है कि 2036 तक दुनिया की एक बड़ी आबादी जल संकट से जूझ रही होगी। छोड़े दें हम भविष्य की बात। आनेवाली पीढिय़ों की भी बात। अभी की बात करते हैं। हालात ठीक नहीं हैं। शहर ही नहीं गांवों के हैंडपंप भी गर्मी में जवाब देने लगे हैं। इस संकट का भान आम लोगों को भले न हो, लेकिन जिले के राजपुर थाने के खीरी निवासी मृत्युंजय चौबे को हो चुका है। बक्सर का यह लाल पानी की एक-एक बूंद को बचाने में जुटा है।

उसके इस प्रयास की सराहना हो रही है। उनका सम्मान हो रहा है। बुधवार को विश्व जल दिवस पर केंद्रीय जलसंसाधन मंत्री अर्जुन सिंह मेघवाल ने दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में मृत्युंजय चौबे को सम्मानित किया। आईआईटी दिल्ली से पासआउट मृत्युंजय वैश्विक स्तर के कई संस्थानों को अपनी सेवा दे चुके हैं। उनके तकनीक और प्रयास से ही यूपीएल लिमिटेड पिछले साल के मुकाबले 19 प्रतिशत कम पानी की खपत कर रहा है। इतना ही नहीं डिस्टाचार्ज वाटर में 27 फीसदी की कमी आई है। मृत्युंजय का कहना है कि उनका प्रयास जलसंकट की समस्या का समाधान करना है। वह अपनी इस मुहिम में जी जान से जुटे हैं। बता दें कि मृत्यंजय भाजपा के फांउडर नेता स्व. ललन चौबे के बेटे हैं। अब तक विश्व के कई देशों अपने शोध के लिए सम्मानित हो चुके हैं।

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