परिश्रम का फल : ठेला चलाने वाले का पुत्र बना दरोगा

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बक्सर खबर। अगर आप परिश्रम करते हैं तो उसका फल आपको जरुर मिलता है। डुमरांव शहर के दिवानगंज पासवान टोली में रहने वाले कन्हैया प्रसाद (पासवान) के बेटे ने इसे सच कर दिखाया है। वे स्वयं ठेला चलाते हैं। बच्चों को उन्होंने हमेशा शिक्षा के लिए प्रेरित किया। आज उनका बड़ा बेटा सोनू दरोगा बन चुका है। कल अर्थात 15 मार्च को उसे पटना में नियुक्ति पत्र मिला। इसके साथ ही उसके परिवार में खुशी का माहौल कायम हो गया। मां पूनम देवी और पिता कन्हैया के अलावा परिवार में कुल पांच भाई बहन हैं। दो बहनों के बाद सोनू का नंबर घर में आता है।

उन्होंने बक्सर खबर से हुई बातचीत के दौरान बताया कि मैंने राज हाई स्कूल से मैट्रिक व डीके कालेज से स्नातक किया। फिर प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी में जुट गया। यहां डुमरांव कम्पटीशन क्लासेज से कुछ मदद मिली। कई परीक्षाएं दी पर सफलता अब जाकर मिली है। इस सफलता से पूरा परिवार खुश है। घर में मेरे बाद एक छोटा भाई और दो बहने हैं। सबकी जिम्मेवारी अब तक पिता उठा रहे थे। सोनू ने कहा आज भले ही मैं सफल हुआ हूं। लेकिन, इसका सारा श्रेय पिता जी को जाता है। वह ठेला चलाते रहे और कभी हमें निराश नहीं होने दिया। मैं जब प्रतियोगिता परीक्षाओं का फार्म भरता वे कहते। हमें अपना काम करते रहना चाहिए। आज पिता की प्रेरणा और मां के आर्शीवाद से ऐसा हुआ है।(तस्वीर के मध्यम में ब्लू टी शर्ट पहने सोनू कुमार )

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