शस्त्र और शास्त्र का विवेकपूर्ण उपयोग ही जीवंत राष्ट्र की पहचान

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बक्सर खबर। शस्त्र और शास्त्र दोनों का विवेकपूर्ण उपयोग ही किसी राष्ट्र,धर्म व संस्कृति को जीवंत और शाश्वत बनाता है। हिन्दू धर्म व संस्कृति के सनातन परंपरा का आधार यही है। उक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा आयोजित विजयादशमी उत्सव में बतौर मुख्य वक्ता विद्या भारती के क्षेत्रीय संगठन मंत्री ख्याली राम ने कही। श्री राम ने कहा कि कलियुग में शक्ति का आधार संगठन ही है। अनादिकाल से ही हिन्दू धर्म की संगठित शक्ति विश्व के कल्याण हेतु समर्पित रही है। सर्वे भवन्तु सुखिनः, वसुधैव कटुम्बकम और अहिंसा परमो धर्म: जैसे जीवन मूल्यों को आत्मसात करने वाले हिन्दू धर्म की प्रचंड शक्ति मानव मात्र ही नहीं वरन समस्त चर अचर के लिये कल्याणकारी है। उन्होंने कहा कि सैकड़ों वर्षों से सोयी शक्ति को जाग्रत कर हुंकार भरने का समय आ गया है। संघ आने पुरुषार्थ से समाज को संगठित कर विश्व की तमाम अव्यवस्थाओं और विकृतियों को ध्वस्त कर देगा। इस पुनीत कार्य के लिये राष्ट्रीय स्वयंसेवक की साधना अनवरत चल रही है।

विजयादशमी उत्सव के अवसर पर स्वयंसेवकों के द्वारा पथ संचलन निकला गया साथ ही शस्त्र पूजन भी हुआ। पानी टंकी शाखा से संचलन निकल कर पी पी रोड, पुस्तकालय रोड, सत्यदेवगंज, मेन रोड, बड़ी देवी, अस्पताल रोड होते हुए कार्यक्रम स्थल पर सम्पन्न हुआ। अनुशासित वातावरण में गीत के लय पर कदम से कदम मिलाते हुए स्वयंसेवक अद्भुत दृश्य उपस्थित कर रहे थे। माता बहनों के द्वारा पुष्प वर्षा के द्वारा स्वयंसेवकों का अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से दक्षिण बिहार प्रान्त के सह प्रान्त कार्यवाह राजेन्द्र प्रसाद, बक्सर के जिला कार्यवाह बिमल कुमार सिंह, बक्सर नगर के संघचालक राधाकृष्ण सिंह, सह जिला कार्यवाह चंदन प्रकाश, राजेश राघव, रविन्द्र नाथ राय, मुख्य शिक्षक राहुल, गौरव, नागेंद्र, विशाल, मोहन, अमरनाथ, पुनीत, सोनू, रंजन, प्रियरंजन समेत अनेक लोग उपस्थित रहे।

 

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