पड़री में केन्द्रीय राज्य स्वास्थ मंत्री के खिलाफ उग्र हुए ग्रामीण

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बक्सर खबरः सिमरी प्रखंड में उतरायनी होकर बहने वाली पतित पावनी गंगा किनारे की आबोहवा अब लोगोें को रास नहीं आ रही है। गंगा किनारे के लोग इन दिनों खासे परेशान हो गए है। उनकी यह परेशानी भूगर्भ के जल में आर्सेनिक व फ्लोराइड जैसे तत्वों की मात्रा बढ़ने से हो रही है। आर्सेनिक व फ्लोराइड युक्त पानी के पीने की कौन कहे नहाने से भी दियारावासी चर्म रोग की चपेट में आ रहे है। अकेले आशापड़री गांव में ही पिछले एक वर्ष में चर्म रोगियों की संख्या तेजी से बढकर सौ से अधिक हो गई है। इलाज में लोग लाखों रूपया खर्च कर चुके है। प्रखंड के सिमरी, नियाजीपुर, बड़का राजपुर, सहियार, छोटकाराजपुर, तिलक राय के हाता, अर्जुनपुर, राजापुर, गंगौली, सहित दो दर्जने से अधिक गांव में चर्म रोगियों की संख्या हजारों में है। इस गंभीर समस्या पर बुधवार को की टी आशा पड़री गांव के ग्रामीणों ने बताया कि गांव में हर दिन चर्म रोगियों की संख्या बढ़ रही है।

ग्रामीणों का साफ कहना था कि पीने के लिए वे मिनिरल वाटर की बोतले खरीदते है। लेकिन नहाने के लिए चापाकल के पानी का उपयोग करते है। जाहिर है नहाने के दौरान ही दियारा के पानी में घूल चुके आर्सेनिक व फ्लोराइड के कारण लोग चर्म रोग के चपेट में आ रहे है। हालांकि दियारा क्षेत्र में पानी के दूषित होने की समस्या नई नहीं है। करीब दो दशक से इस क्षेत्र के लोग दूषित पानी के सहारे ही अपना जीवन यापन कर रहे है। जिसका खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ रहा है। ग्रामीणों कहा कि इस समस्या से क्षेत्रिय सांसद सह केन्द्रीय स्वास्थ मंत्री अश्विनी चैबे को अवगत कराया गया है। लेकिन ग्रामीणों को अबतक न तो सरकारी स्तर पर दवाओं का वितरण किया जा रहा है और न ही इस मीठे जहर का स्थायी समाधान निकाला जा रहा है। जिस कारण ग्रामीणों में स्वास्थ मंत्री के खिलाफ आक्रोश था। ग्रामीण रंजन तिवारी, गुड्डू तिवारी, बालयोगी तिवारी, केदार गोंड, रामाकांत राजभर, शभ्भू अंसारी, बसीर अहमद, नागेन्द्र तिवारी, रितेश तिवारी, धीरेन्द्र तिवारी, खेदारू बिंद, भूषण चैधरी, सुदामा, रमेश, मोहन, दिनेश सरीखे लोगों का कहना था कि वे पिछले छह माह से अधिक से चर्म रोग से परेशान है। इलाज से थोड़ा फायदा होता है लेकिन मर्ज ठीक नहीं हो रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि इस समस्या से उन्हें समाज में शर्मसार भी होना पड़ता है। बहरहाल शासन प्रशासन की उदासीनता से ग्रामीणों के लिए यह समस्या हर दिन विकराल होते जा रही है। इस संबंध में केन्द्रीय स्वास्थ मंत्री सह स्थानीय सांसद से संपर्क स्थापित करने का प्रयास किया गया लेकिन उनके द्वारा मोबाईल रिसीव नहीं किया गया।

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