बक्सर खबर। गंगा स्वच्छता के लिए आयोजित ग्रामीण चौपाल में केन्द्रीय मंत्री उमा भारती आज रविवार को शामिल हुई। चौसा में आयोजित समारोह के दौरान सबको खरी-खरी सुनाई। उन्होंने कहा गंगा आज मैली नहीं हुई। इनको मैला करने का कार्य 1916 में ही प्रारंभ हो गया था। जब अग्रेंजी हुकूमत ने बांध बनाना शुरू किया। तब किसी संत महात्मा ने नहीं पंडित मदन मोहन मालवीय और कुछ अन्य लोगों ने इसका विरोध शुरू किया। तब कुछ पानी सीधे इसमें छोड़ा गया।
समय गुजरता गया, बांध बनते गए और पानी कम होता गया। नदी किनारे बसे लोगों की आबादी बढ़ती गई। हजारों नाले और शहर तथा गांव की गंदगी गंगा में बहाई जाने लगी। आज गंगा इतनी मैली हो चुकी हैं कि आप उनका पानी पी नहीं सकते। प्रतिदिन आस्था के नाम पर लाखों और वर्ष में करोणों लोग स्नान करते हैं। अपनी पित्तरों को जल देते हैं। मैं आज वह बात आपसे कहना चाहती हूं। जो कोई नेता कहने की हिम्मत नहीं करेगा। अगर आप स्वयं वह जल नहीं पी सकते तो पित्तरों को वह जल अर्पित क्यूं करते हैं। आप घर के ही जल से उनका तर्पण करें।